हरिद्वार। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और संतो की सर्वोच्च सभा अखाड़ा परिषद पर बरसे संत। हेट स्पीच के बाद आयोजित प्रतिकार सभा मे संतों का आक्रोश दिखाई दिया।
प्रतिकार सभा मे भले ही स्थानीय संतों ने दूरी बनाई रखी लेकिन इसके अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए।
धर्मनगरी में बीते दिनों आयोजित हुई धर्म संसद में हेट स्पीच मामले में पुलिस कार्रवाई के विरोध संतों ने आज रविवार को सर्वानंद घाट में प्रतिकार सभा का आयोजन किया. जिसके संतों ने अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों की वापसी और हेट स्पीच मामले में एसआईटी को रद्द करने की मांग की.
इस दौरान धर्म संसद के संयोजक रहे स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि आगे की रणनीति को लेकर आज कोर कमेटी की बैठक रखी गई है जिसमें आगे की रणनीति बनाई जाएगी हमारे संत स्वामी यती नरसिंहानंद गिरी व जितेंद्र नारायण त्यागी की रिहाई की मांग को लेकर सत्याग्रह लगातार जारी रहेगा चाहे पुलिस कितनी भी गिरफ्तारियां कर ले इस दौरान संतों ने मुख्यमंत्री पर बोलते हुए कहा कि जिहादी मानसिकता का कोई भी मुख्यमंत्री उत्तराखंड का नहीं होना चाहिए चाहे वह किसी भी पार्टी का हो संतो पर मुकदमा करा कर मुख्यमंत्री ने यह साबित कर दिया है कि वह जिहादियों के दबाव में कार्य करते हैं वही धर्म संसद पर बोलते हुए आनंद स्वरूप ने बताया कि धर्म संसद जहां-जहां होनी तय हुई थी वही उसी दिन होगी धर्म संसद पर किसी तरह की रोक नहीं है हमारे द्वारा लगातार धर्म संसद कराई जाएगी।
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