December 12, 2025

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Nagar Nigam Haridwar inquiry complete tender will be suspended

Nagar Nigam Haridwar खुल गया “पोल” का झोल, सालों के राजस्व के नुकसान का जिम्मेदार कौन?

Nagar Nigam Haridwar खुल गया निगम के पोल का झोल, निरस्त हुआ टेंडर सालों के राजस्व के नुकसान का कौन है जिम्मेदार?

सालों से चल रहे इस झोल के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी पर आएगी जांच की आंच!

सालों से निगम में चल रहा था शहर में नई रेड लाइट लगाने ओर उसके मेंटेनेंस किन्वज में एडवरटाइजिंग पोल का घाल मेल

हरिद्वार। जमीन घोटाले से सुर्खियों में आए नगर निगम हरिद्वार एक बार फिर चर्चाओं में है। इस बार मामला विज्ञापन पोल लगाने में हुई गड़बड़ियों का है।

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पोल के इस झोल पर विभाग ने अपनी जांच पूरी कर ली है, जानकारी के अनुसार इसका टेंडर भी निरस्त होने की बात कही जा रही है।

Nagar Nigam Haridwar inquiry complete tender will be suspended वार्ड नंबर 19 से पार्षद पद की प्रत्याशी रही आयुषी टंडन ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि शहर में रेड लाइटों को लगाने और उसके मेंटेन कराने के नाम पर दिए गए टेंडर में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की गई है।

आयुषी टंडन ने बताया कि वर्ष 2022 में शहर की खराब पड़ी रेड लाइटों को लगाने के बाद दुरुस्त कराने का काम एन टॉप (मिडास) कंपनी को सौंपा गया था।

जिसमें कंपनी को विज्ञापन पोल लगाने की अनुमति भी दी गई थी, ताकि विज्ञापन से होने वाली आय से परियोजना की लागत की भरपाई हो सके।

Nagar Nigam Haridwar inquiry complete tender will be suspended लेकिन, शहर में विज्ञापन पोल तो तेजी से लगा दिए गए, लेकिन रेड लाइट को भगवान भरोसे छोड़ दिया गया।

आयुषी ने आरोप लगाया कि कंपनी ने रेड लाइटें ठीक करने के काम को नजरअंदाज कर केवल विज्ञापन पोल बढ़ाने पर ही ध्यान दिया।

Nagar Nigam Haridwar inquiry complete tender will be suspended इससे नगर निगम को प्रतिमाह लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। आयुषी टंडन ने इसे स्पष्ट आर्थिक हानि और प्रशासनिक लापरवाही बताते हुए निगम के अधिकारियों से कड़ी कार्रवाई की मांग की।

सूत्रों के मुताबिक पोल के इस झोल में निगम के कई लोगों के साथ सफेदपोश भी शामिल बताए जा रहे हैं।

जांच पूरी निरस्त होगा टेंडर!

इधर, आधिकारिक सूत्रों की माने तो नगर निगम प्रशासन ने मामले की जांच कमेटी बनाकर इसकी जांच कराई, जिसमें कई खामियां सामने आईं।

जांच रिपोर्ट के आधार पर नगर निगम ने यह टेंडर निरस्त करने का निर्णय ले लिया है। बताया जा रहा है कि टेंडर निरस्तीकरण का आदेश जल्द ही जारी कर दिया जाएगा।

बड़ा सवाल की खाली टेंडर निरस्त कर देने से इस मामले को निपटा दिया जाएगा या इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों पर भी कुछ जिम्मेदारी तय की जाएगी?

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