हरिद्वार। सोमवार को धर्मनगरी हरिद्वार के गंगा घाट तीन लाख से भी अधिक दीपकों से जगमगाने वाले है।
राज्य स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी मुख्य रूप से उपस्थित रहने वाले है।
यह भी पढ़े – हरिद्वार के इस युवा नेता का बज रहा डंका, पार्टी ने भी माना लोहा
11 नवम्बर को हरिद्वार के गंगा घाटों पर साढ़े तीन लाख दीपक अपनी रोशनी बिखेरेंगे तो वही 500 ड्रोन के साथ भव्य सो में गंगा घाटों का अदभुत नजारा आपको देखने को मिलेगा।
देखे वीडियो में किस तरह से जगमग होंगे गंगा घाट
लेकिन सोमवार को थोड़ा संभलकर क्योंकि शाम से होने वाले इस कार्यक्रम को लेकर प्रशासन खास इंतजाम किए है।
यातायात की व्यवस्था के लिए अलग से प्लान बनाया गया है।
भल्ला स्टेडियम के लोकार्पण कार्यक्रम में रुड़की, जगजीतपुर ओर लक्सर से आप शामिल होना चाहते है तो आपको सिंहद्वार ऋषिकुल होते हुए भल्ला स्टेडियम की सर्विस रोड पर अपना वाहन पार्क करना होगा।
जबकि दोपहिया वाहनों को भल्ला कॉलेज में पार्क किया जाएगा।
इसके अलावा जो लोग हर की पौड़ी के ब्रह्मकुंड,मालवीय घाट ओर कांगड़ा घाट पर दीपोत्सव में शामिल होना चाहते है तो उनके लिए वाहन की पार्किंग पंतदीप,चमगादड़ टापू पर वाहन को पार्क करने की व्यवस्था होगी।
लक्सर,रुड़की और जगजीतपुर सर आने वाले लोग सिंहद्वार से शंकराचार्य होते हुए जयराम मोड़ से पार्किंग में जा सकेंगे।
उसी तरह से कुशा घाट, गणेश घाट,नाई सोता, सुभाष घाट व हनुमान घाट पर दीपकोत्सव में शामिल होने वाले लोग अपने वाहनों को रोडिबेलवाला में पार्क कर सकते है।
दीपोत्सव तथा भजन सन्ध्य कार्यक्रम रखा गया है। जिसका रविवार की शाम अभ्यास भी किया गया। डीएम हरिद्वार कर्मेंद्र सिंह ने बताया कि सोमवार को मुख्यमंत्री सबसे पहले पन्ना लाल भल्ला स्टेडियम का लोकार्पण करेंगे
जिसके बाद हरिद्वार के 50 अलग अलग गंगा घाटों पर दीपक उत्सव मनाया जाएगा जिसके बाद प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल की भजन संध्या रखी गई है। जिलाधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी घाटो को 50 सैक्टर तथा 09 जोन में विभाजित किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी सैक्टर तथा जोनल अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है।
More Stories
DAV उत्तराखंड का राष्ट्रीय खेलों में दिखाया अपना जलवा
Viral video- पहाड़ी गाने सुन अपने को नहीं रोक पाए महेन्द्र सिंह धोनी, पत्नी ने दिया साथ
ODF घोषित हो चुका है उत्तराखंड फिर भी खुले में शौच को मजबूर महिलाएं