December 24, 2024

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Sant angry on divy adhyatik mahaotasav

दिव्य आध्यात्मिक समारोह पर अखाड़े के संत नाराज जताई नाराजगी

दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में अखाड़े के पदाधिकारियों को ही निमंत्रण नहीं

निजी कार्यक्रम के चलते नहीं बुलाया होगा, कोई आपत्ति नहीं:: श्रीमहंत रविंद्र पूरी

बिना बुलाये कार्यक्रम में जाना, बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना जैसा होता:: श्रीमहंत रविन्द्र पूरी

हरिद्वार। कनखल स्थित हरिहर आश्रम में दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में विभिन्न अखाड़ों के पदाधिकारी को आमंत्रण ही नहीं दिया गया।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉ मोहन भागवत के पहुंचने के दौरान भी कार्यक्रम में मंच पर अखाड़े के संत ही नजर नहीं आए। जानकारी लेने पर सामने आया कि अखाड़े की पदाधिकारियों को निमंत्रण ही नहीं मिला है।

जिससे संतों में अंदर ही अंदर रोष पनप रहा है। कार्यक्रम के बीच यह मामला हर तरफ चर्चाओं का विषय बना हुआ है। अगर सूत्रों की बात माने तो अखाड़ा अपनी इस अनदेखा को लेकर कर सकता है जल्द बैठक।

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जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद महाराज के पीठ पर विराजमान हुए 25 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में तीन दिवसीय दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव का आयोजन किया गया है।

जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहनराव भागवत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, स्वामी रामदेव, स्वामी चिदानंद मुनि, पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी समेत कई नामचीन हस्तियां शामिल हुई थी।

सूत्रों से ज्ञात हुआ कि अखाड़े के पदाधिकारी ना कार्यक्रम में नजर आए और ना ही मंच पर कोई पदाधिकारी दिखाई दिया। सूत्रों ने बताया कि स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर हैं, लेकिन जूना अखाड़े के ही पदाधिकारी कार्यक्रम में मौजूद नजर नहीं आए।

अन्य अखाड़ों के पदाधिकारी भी नहीं दिखे। जानकारी जुटाने पर मालूम हुआ कि अखाड़ों के पदाधकारियों को कार्यक्रम में आमंत्रित ही नहीं दिया गया था। यह मामला बेहद चर्चाओं का विषय बना हुआ है।

वहीं जब दिव्य आध्यत्मिक महोत्सव में अखाड़ों से जुड़े संतो के ना आने पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायती अखाड़ा श्री निरंजन के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज से पूछा गया तो उनका कहना था कि उन्हें दिव्य आध्यात्मिक महोत्सव में संघ प्रमुख मोहन भागवत के कार्यक्रम का निमंत्रण नहीं मिला।

हो सकता है स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज का निजी कार्यक्रम होने के चलते आमंत्रण नहीं दिया गया हो, लेकिन उन्हें इसको लेकर कोई आपत्ति या शिकायत बिल्कुल भी नहीं है। उन्होंने बातों बातों में चुटकी लेते हुए कहा कि अगर वे बिना बुलाये कार्यक्रम में चले जाते तो ऐसा लगता जैसे बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना हो।

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