December 3, 2024

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200 bed's health wing prepared in Haridwar

बड़ी सौगात- हरिद्वार में बनेगा 200 बेड का स्वास्थ्य विंग

 

बड़ी सौगात, हरिद्वार में मातृ-शिशु के लिए बनेगा 200 बेड का स्वास्थ्य विंग

अस्पताल में भर्ती प्रसूता को मिलेंगे दो हजार रुपये शगुन,

देहरादून। राज्य सरकार गर्भवती महिलाओं और मातृ-शिशु के लिए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।

इसके तहत हरिद्वार में जल्द ही मातृ-शिशु की देखभाल के लिए 200 बेड का स्वास्थ्य विंग बनेगा।

राज्य सरकार ने यह तय किया गया है कि सरकारी अस्पताल में प्रसव के बाद यदि महिला 48 घंटे तक रहती है तो उसे 02 हजार रुपये दिये जाएंगे।

200 bed's health wing prepared in Haridwar इसके अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत गर्भवती महिलाओं की जांच के लिए हीमोग्लोबिन मीटर और स्ट्रिप्स के आदेश जारी किए गए हैं।

आपको बता दें कि मुख्य सचिव का पद्भार ग्रहण करते ही राधा रतूड़ी ने सबसे पहले स्वास्थ्य विभाग के मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली।

जिसमें उन्होंने गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर की।

जिसमें स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग, और सभी जिलाधिकारियों ने भाग लिया।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को आदेश दिये थे कि मातृ-शिशु के स्वास्थ्य की देखभाल में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएं।

उन्होंने मातृ-शिशु के विभिन्न योजनाओं को तत्काल लागू करने का निर्देश अधिकारियों को दिये थे।

जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के निर्देशों पर मुहर लगाते हुए गर्भवती महिलाओं के हितों से जुड़े कई बड़े फैसले लिए हैं।

बदली जायेंगी पुरानी एम्बुलेंस
मुख्य सचिव के दिशा निर्देशों के बाद स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने मातृ-शिशु चिकित्सा सेवाओं को और अधिक बेहतर बनाने की दिश में कई अहम कदम उठाए हैं।

सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा उत्तराखंड डा. आर राजेश कुमार ने कहा कि सभी पुरानी और खराब एम्बुलेंसों को प्राथमिकता के आधर पर बदला जाएगा।

262 नई डोली पालकियां
स्वास्थ्य सचिव डाॅ आर राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सहयोग से जिलों को अगले कुछ वर्षों में 262 नई डोली पालकियां प्रदान की जाएंगी।

गर्भवती महिलाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग शगुन योजना को बढ़ावा दे रहा है।

इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं को सरकारी अस्पतालों में प्रसव के बाद 48 घंटे तक रहने के बाद 2000 रुपये दिये जाने के प्रावधान किए गए हैं।

गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की माॅनीटरिंग
स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं को आयरन और फोलिक एसिड और कैल्शियम की गोलियां भी उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मातृ और नवजात मृत्यु की समीक्षा और रिपोर्टिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक उपाय चल रहे हैं।

डा. आर राजेश कुमार ने बताया कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं पर नजर रखने के लिए आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की जा रही है।

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