November 8, 2025

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Akhada Parishad made coordination committee for pahad - maidan issue

पहाड़ मैदान के मुद्दे पर राजनीति करने वाले नेताओं को सबक सिखाने की तैयारी

पहाड़ मैदान के मुद्दे पर राजनीति करने वाले नेताओं को रोकेगी अखाड़ा परिषद की यह पहल

युवाओं और स्थानीय लोगों को जागरूक करने के लिए अखाड़ा परिषद ने बनाई “समन्वय समिति”

पहाड़–मैदान के विष से राज्य के सौहार्द को बिगाड़ने के लिए की जा रही साजिश – श्रीमहंत डॉक्टर रविंद्र पुरी महाराज की चिंता

हरिद्वार। पहाड़ मैदान के मुद्दे पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने नई पहल की है।

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इस मामले में एक समन्वय समिति का गठन कर पूरे प्रदेश में लोगों को इस मुद्दे पर जागरूक करने का काम करेगी।

बता दे कि उत्तराखंड में पहाड़–मैदान को लेकर पैदा किए जा रहे विवाद  के बाद इसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए बयानबाजी का दौर जारी है।

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अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज

इस मुद्दे पर पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी में उनके सान्निध्य में, शिक्षाविदों, मीडियाकर्मियों, समाजसेवियों,किसानों और कारोबारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।

बैठक में इस कुचक्र की कड़ी निंदा करते हुए सभी ने प्रदेश की एकता और भाईचारे को बनाए रखने की अपील की।

Akhada Parishad made coordination committee for pahad - maidan issue
संतों के साथ पहाड़ मैदान के मुद्दे पर चर्चा करते अखाड़ा परिषद अध्यक्ष

साथ ही, इस दिशा में सामूहिक रूप से काम करने के लिए एक समन्वय समिति गठित की गई, जिसके संयोजक के रूप में प्रोफेसर सुनील बत्रा को जिम्मेदारी सौंपी गई।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्रीमहंत डॉ रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि हम सब उत्तराखंड के निवासी हैं और हम सब उत्तराखंडी।

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड गुरुकुल नारसन से शुरू होता है। जिस तरह माणा या ओम पर्वत के व्यक्ति को अधिकार हैं, वैसे ही नारसन और मंगलौर के व्यक्ति को भी वही अधिकार प्राप्त हैं।

श्रीमहंत डॉ रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि पहले समाज को हिंदू–मुस्लिम के नाम पर बांटा गया और अब पहाड़–मैदान का विवाद खड़ा किया जा रहा है, जो अत्यंत खतरनाक प्रवृत्ति है।

उन्होंने कहा कि हम सब उत्तराखंडी हैं और हमें किसी की बातों में आकर आपसी भाईचारा नहीं बिगाड़ना चाहिए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी अच्छा कार्य कर रहे हैं। पहाड़–मैदान के नाम पर वैमनस्य फैलाना राज्य के विकास के लिए घातक है।

Akhada Parishad made coordination committee for pahad - maidan issue उन्होंने सुझाव दिया कि समन्वय समिति हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जैसे जिलों में जाकर जनता को जागरूक करेगी और स्कूल–कॉलेजों में विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करेगी, क्योंकि शिक्षण संस्थाओं से ही प्रदेश और देश के भविष्य का निर्माण होता है।

बैठक में स्वामी दर्शन भारती ने कहा कि यह विवाद एक साजिश के तहत रचा जा रहा है ताकि राज्य को कमजोर किया जा सके।

उन्होंने कहा उत्तराखंड का मुसलमान भी उत्तराखंडी है और उसे समान अधिकार प्राप्त हैं।

प्रो. सुनील बत्रा ने कहा कि यह राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने का प्रयास है। मूल निवास प्रमाण पत्र मिले या न मिले, हम सब उत्तराखंडी हैं।

उन्होंने उत्तराखंड राज्य के संतुलित और सतत विकास की आवश्यकता पर जोर दिया।

डा. संजय माहेश्वरी ने कहा कि जब आरएसएस और भाजपा अखंड भारत की बात करते हैं, तब पहाड़–मैदान का भेदभाव उचित नहीं।

बैठक में राकेश गोयल, डा. शिव कुमार चौहान, डा. पल्लवी राणा, डा. मनीषा पांडेय, डा. मीनाक्षी शर्मा, डा. पूर्णिमा सुंद्रियाल,सुनील कुमार पांडेय, महावीर नेगी, प्रमोद गिरि, किसान नेता रवि पंवार,भोला शर्मा,

पार्षद दीपक शर्मा,मनोज राणा,डीएस रावत, अनिल बिष्ट और पुरुषोत्तम शर्मा,अन्य गणमान्य उत्तराखंड के शुभचिंतक सहित अनेक गणमान्य उपस्थित रहे।

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