December 11, 2024

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Factory making medicines under the guise of food license in Dehradun

फूड लाइसेंस की आड़ में दवा बना रही फैक्ट्री का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार

नकली दवाओं के खिलाफ अभियान साल भर में 862 जगह छापेमारी,2 के लाइसेंस निरस्त,5 खिलाफ मुकदमा दर्ज

फूड लाइसेंस की आड़ में दवा बना रही फैक्ट्री पकड़ी, 03 आरोपी गिरफ्तार, 02 फरार

देहरादून। खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन इन दिनों प्रदेश भर में अवैध ड्रग और नकली दवाओं के खिलाफ छापेमार अभियान चला रहा है।

खास खबर – हरिद्वार की बनी 9 दवाइयों के फेल सैंपल पर विभाग कुंभकर्णी नींद में, भुगत रहे लोग

विभाग ने इसके तहत पिछले एक साल में 862 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी कर सैंपल भी एकत्रित किये।

52 सैंपलों की जांच चल रही है। दो कंपनियों के लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है और पांच कंपनियों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने की सिफारिश की गयी है।

स्वास्थ्य सचिव/आयुक्त खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन डा. आर. राजेश कुमार ने कहा अवैध ड्रग और नकली दवाओं के खिलाफ अभियान लगातार जारी है।

स्वास्थ्य सचिव/आयुक्त खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन डा. आर. राजेश कुमार ने कहा कि नकली या सबस्टैंडर्ड दवाएं बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएंगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गैर-कानूनी ढंग से होे रहा था दवाओं का निर्माण

देहरादून के सहसपुर स्थित लांघा रोड पर स्थित एक फैक्ट्री में नकली दवाएं बनाने की सूचना मिलने पर औषधि विभाग, पुलिस और नारकोेटिक्स टास्क फोर्स ने संयुक्त कार्रवाई की और ग्रीन हर्बल कंपनी के तीन आरोपी गिरफ्तार कर लिये।दो अभी फरार हैं।

इस कंपनी को फूड लाइसेंस मिला था लेकिन गैर-कानूनी ढंग से दवाओं का निर्माण कर रहे थे।

इन दवाओं का इस्तेमाल नारकोटिक्स एक्ट के तहत किया जाता है। इस दौरान संयुक्त टीम ने फैक्ट्री से 1921 कैप्सूल/टैबलेट, सिरप आदि की 592 बोतलें और 342 खाली रैपर बरामद किए।

03 आरोपी गिरफ्तार, 02 फरार

फर्जीवाड़े पर कार्रवाई करते हुए संजय कुमार (उम्र 39 वर्ष) निवासी ग्राम मुसकीपुर जिला सहारनपुर (हाल निवासी टीचर कालोनी सहसपुर), शिव कुमार (उम्र 36 वर्ष) हाल निवासी प्रगति विहार सेलाकुई और रहमान (उम्र 38 वर्ष) निवासी ग्राम भूसी जिला चंदौली (हाल निवासी परवल उमेदपुर) को गिरफ्तार किया गया। वहीं, कन्हैया और ऋषभ की तलाश की जा रही है।

सभी फैक्ट्री संचालक और पार्टनर की भूमिका में हैं। नारकोटिक्स दवा बनाने के लिए प्रयुक्त उपकरण भी कब्जे में लिए गए हैं।

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