देहरादून- 69वें राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कारों में उत्तराखंड की दो लघु फिल्म “पाताल-ती“ के लिए के लिए बिट्टू रावत को बेस्ट सिनेमैटोग्राफी एवं बेस्ट नॉन फीचर फिल्म के लिए सृष्टि लखेड़ा की गढ़वाली फ़िल्म “एक था गाँव“ को चयनित किया गया है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बधाई देते हुए कहा कि राज्य के इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा के बल पर हिमालयी सरोकारों एवं पलायन जैसी गंभीर समस्या को राष्ट्रीय फलक पर लाने का कार्य किया है।
ये फिल्में समाज को दिशा देने के साथ ही युवाओं को प्रेरणा देने का भी कार्य करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन युवाओं को मिला पुरस्कार राज्य का भी सम्मान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड का नैसर्गिक सौंदर्य फिल्मकारों को देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए आकर्षण का केन्द्र बना है।
राज्य में फिल्मकारों को सुविधा प्रदान करने के लिये उनके हित में कई निर्णय लिये गये हैं। उन्होंने कहा कि फिल्मांकन के लिये पूरा उत्तराखण्ड एक डेस्टिनेशन है।
मुख्यमंत्री ने फिल्मजगत से जुड़े प्रदेशवासियों से अपेक्षा की कि उन्हें उत्तराखण्ड की इस पावन भूमि ने इस मुकाम तक पहुंचाने का अवसर दिया है।
देश व दुनिया के साथ अपने प्रदेश का नाम रोशन करने में भी वे मददगार बने। उन्होंने कहा कि हमें अपनी संस्कृति परिवेश एवं पूर्वजो द्वारा दिये गए संस्कारों से जुड़ा रहना होगा।
ये हमारी जड़े हैं। अपनी जड़ों से जुड़ा रहकर ही हम जीवन में सफल होंगे तथा हमारी पहचान बनी रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक भारतीय दुनिया में कहीं भी रहे, कितनी ही पीढ़ियों तक रहे, उसकी भारतीयता, उसकी भारत के प्रति निष्ठा, कभी कम नहीं होती।
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने भी राज्य के इन यूवा फिल्मकारों को बधाई दी है। उत्तराखण्ड फिल्म विकास परिषद के नोडल अधिकारी डॉ. नितिन उपाध्याय के साथ अन्य अधिकारियों ने भी इसे राज्य के लिये बड़ी उपलब्धि बताया।
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