समाजसेवी कमल खड़का बने हाम्रो स्वाभिमान ट्रस्ट के जिला उपाध्यक्ष
युवाओं को नेपाली संस्कृति के प्रति करेंगे जागरूक-कमल खड़का
हरिद्वार। समाजसेवी कमल खड़का को हाम्रो स्वाभिमान ट्रस्ट का जिला उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। योगगुरू बाबा रामदेव ट्रस्ट के संरक्षक तथा आचार्य बालकृष्ण ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।
ट्रस्ट के केंद्रीय कोषाध्यक्ष डा.पदम प्रसाद सुवेदी की अध्यक्षता में कोरोना गाइडलाईन पालन करते हुए विष्णु घाट स्थित धर्मशाला में संपन्न हुई बैठक में सर्वसम्मति से कमल खड़का को उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया है।
बैठक को संबोधित करते हुए डा.पदम प्रसाद सुवेदी ने कहा कि नेपाली संस्कृति के प्रचार प्रसार तथा गरीब जरूरतमंदों की सेवा के लिए गठित ट्रस्ट उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयासरत है।
कमल खड़का को उपाध्यक्ष बनाए जाने पर बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय कमल खड़का ट्रस्ट के सेवा कार्यो को गति प्रदान करने में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि जनसेवा की सहभागिता से ही अन्य सामाजिक संस्थाओं को प्रेरणा मिलती है।
निम्न वर्गो के उत्थान में मिलजुल कर ही प्रयास जनहित में किए जाने चाहिए। जिला अध्यक्ष लोकनाथ सुवेदी व महामंत्री लक्ष्मण ओझा ने कहा कि समाजसेवी कमल खड़का के हाम्रो स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़ने पर ट्रस्ट द्वारा संचालित सामाजिक गतिविधियों में तेजी आएगी तथा नेपाली संस्कृति के प्रचार प्रसार के नेपाली समुदाय के गरीब जरूरतमंदों की सहायता के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी।
उपाध्यक्ष मनोनीत किए जाने पर आभार व्यक्त करते हुए कमल खड़का ने कहा कि ट्रस्ट के केंद्रीय अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण आयुर्वेद के ज्ञान से असाध्य रोगों से पीड़ित लोगों को आरोग्य प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
ट्रस्ट के संरक्षक योगगुरू बाबा रामदेव व आचार्य बालकृष्ण के सम्मिलित प्रयासों से भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति योग व आयुर्वेद को पूरी दुनिया में एक नई पहचान मिली है।
कमल खड़का ने कहा कि हाम्रो स्वाभिमान ट्रस्ट से जुड़कर वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। युवाओं को नेपाली संस्कृति के प्रति जागरूक करने के साथ ट्रस्ट द्वारा संचालित कार्यक्रमों, सेवा प्रकल्पों को आगे बढ़ाने में पूर्ण सहयोग करेंगे।
बैठक में उपेंद्रराज ओझा, गगन भण्डारी, ताराचंद रेउले, राजेंद्र प्रसाद भण्डारी, महेश प्रसाद चटोट, रामप्रसाद शर्मा, भगवती ओझा, कल्पना ओझा, पुष्पा ओझा आदि मौजूद रहे।
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