October 10, 2024

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Sant and political leaders alleged Harish Rawat in Haridwar

हरदा के कल के करीबी आज बन गए पीड़ित

हरिद्वार। हरिद्वार लोकसभा सीट पर हरीश रावत की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है।

हाल ही में कांग्रेस छोड़ कर आए संत और नेताओं ने हरदा पर उत्तराखंड में कांग्रेस को खत्म करने का गंभीर आरोप के साथ साथ कई गंभीर आरोप भी लगाए।

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हरिद्वार प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में इन नेताओं ने हरदा पर जमकर अपना गुब्बार निकाला।

कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष रहे राजेश रस्तोगी ने हरीश रावत पर परिवार बाद का आरोप लगाते हुए कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा की सबसे पहले हरीश रावत बताए की कितनी पत्नियां है और परिवार में कितने लोग है कुछ पता नही। उन्होंने कहा की आज उत्तराखंड में कांग्रेस के सभी पदों पर परिवारवाद हावी है।

रस्तोगी ने कहा की हरदा को उनका इंटक का अध्यक्ष बनना भी रस नही आया और उन्होंने इसका विरोध किया।

उन्होंने कहा की उन्होंने निराश होकर जब दल छोड़ा जिसके बाद उनपत तो गलत आरोप लगाए गए।

रस्तोगी ने हरीश रावत ने सीएम कार्यकाल पर भी कई गंभीर आरोप लगाए।

पुरषोत्तम शर्मा ने कहा कि 

Sant and political leaders alleged Harish Rawat in Haridwar हरीश रावत के ओएसडी रहे पुरषोत्तम शर्मा ने कहा 2000 से हम लोग रावत जी के साथ सक्रियता से लगे रहे सीएम बने तब भी साथ रहे।

उन्होंने भी हरीश रावत से 2019 में हरिद्वार छोड़ कर उन्होंने नैनीताल से चुनाव क्यों लडा। जबकि सबने उन्हे कहा था की यहां से चुनाव लडे। शर्मा ने रावत पर परिवार बाद का ही आरोप लगाते हुए अपने को पार्टी से अलग करना ही उचित समझा।

स्वामी ऋषिश्वरानंद

स्वामी ऋषिश्वरानंद ने हरदा पर निशाना साधते हुए कहा की पार्टी के भीतर परिवार बाद बहुत बढ़ गया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एन डी तिवारी के बाद अगर किसी नेता से उम्मीद थी तो वे हरीश रावत थे।लेकिन उन्होंने भी अपने परिवार की ही राजनीति के चक्कर में हरिद्वार के लोगों के साथ छल किया। उन्होंने कहा कि 2009 में उन्हे संतों ने चुनाव लड़वाया और संतों के आशीर्वाद से साथ ही वे मुख्य मंत्री बने लेकिन उसके बाद उन्होंने गिरगिट की तरह रंग बदला और परिवार बाद की राजनीति में चले गए।

महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश

सीएम रहते हुए रावत ने धार्मिक संस्थानों को कब्जाने के प्रयास किए गए। उस समय उन्होंने कहा था कि आपको बाबा हनुमान जी का श्राप लगेगा और वे सत्ता से दूर हो गए। उन्होंने सभी से 19 अप्रैल को भाजपा को वोट देकर समर्थन मांगा।

 

पत्रकार वार्ता में बाबा हठयोगी, संजीव चौधरी, राम विशाल देव और सत्यनारण शर्मा उपस्थित रहे।

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