November 22, 2024

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Minster Satpal Maharaj warring to officers and leaders for budget

महाराज की नेता-अधिकारियों को दो टूक, पैसा खर्च नहीं हुआ तो होगी कार्रवाई

महाराज की नेता-अधिकारियों को दो टूक, पैसा खर्च नहीं हुआ तो होगी कार्रवाई

देहरादून। सभी जनपदों के पंचायत अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को हिदायत दी जाती है कि जो 15वें वित्त आयोग की धनराशि को खर्च नहीं करेगा उन्हें दंडित किया जाएगा और जो पैसा खर्च कर रहे हैं उन को पुरस्कृत किया जाएगा।

सतपाल महाराज ने गुरुवार को समीक्षा बैठक में 15वें वित्त आयोग का पैसा खर्च ना होने पर चिंता व्यक्त करते हुए विकासखंड, जिला पंचायत और ग्राम पंचायत अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कही।

उन्होंने कहा कि हमारे लिए यह जरूरी हो गया है कि हम आपको हिदायत दें कि जो अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि बार-बार कहने के बाद भी पैसा खर्च नहीं कर रहे हैं उनके विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही की जाये।

हम इसके लिए बाध्य हैं कि विकास कार्यों पर पैसा शत प्रतिशत खर्च हो ताकि केंद्र सरकार को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देकर प्रदेश के विकास के लिए और पैसा मिल सके।

पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने 15वें वित्त आयोग द्वारा पंचायतों को स्वच्छता, पेयजल आपूर्ति, वर्षा जल संचय

एवं जल पुनर्चक्रण के तहत मूल अनुदान (Untied Fund) और आबद्ध अनुदान (Tied Fund) में मिली धनराशि के खर्च ना होने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए धनराशि को समय से खर्च करने की चेतावनी दी है।

उन्होंने आबद्ध अनुदान (Tied Fund) की धनराशि खर्च न करने पर रेड जोन मैं आए जिला पंचायत नैनीताल, जिला पंचायत रुद्रप्रयाग और अल्मोड़ा, चमोली, नैनीताल, पौड़ी,

रुद्रप्रयाग एवं टिहरी आदि जनपदों के ब्लॉक पंचायतों के साथ-साथ जनपद चंपावत स्थित ग्राम पंचायतों में पैसा खर्च ना होने पर अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई।

इतना ही नहीं महाराज ने मूल अनुदान (Untied Fund) के तहत जिला पंचायत हरिद्वार जिला पंचायत रुद्रप्रयाग के साथ-साथ जनपद नैनीताल और रुद्रप्रयाग के रेड जोन में आए ब्लॉक पंचायतों के अधिकारियों को भी पैसा खर्च ना होने पर जमकर लताड़ लगाई।

पंचायत मंत्री महाराज ने जिला पंचायत, विकासखंड, ग्राम पंचायत अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आबद्ध अनुदान (Tied Fund)

की बकाया धनराशि 238 करोड़ और मूल अनुदान (Untied Fund) की बकाया राशि 129 करोड़ रुपये यदि समय से खर्च नहीं किए गए और कार्यों में गुणवत्ता न पाई गई तो इसके लिए अधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों के विरुद्ध भी कार्यवाही की जाएगी।

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