पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने अधिकारियों को दिखाया आईना
मंत्री की अनुमति के बिना अधिकारियों द्वारा लिए गए निर्णय को महाराज ने पलटा
विभागीय मंत्री की अनुमति के बिना कोई भी निर्णय करना अनुचितः महाराज
देहरादून। अधिकारियों द्वारा ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना उचित नहीं है जहां मंत्री की अनुमती के बगैर कुछ भी निर्णय ले लिए जाएं.
यह भी पढ़ें- लोक कलाकारों को नहीं मिला भुगतान, तो सतपाल महाराज का गुस्सा सातवें आसमान पर
प्रदेश के पर्यटन,पंचायती राज, सतपाल महाराज ने उनके हस्तक्षेप के बाद ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एवं ग्राम
विकास अधिकारी के फंक्शनल मर्जर के शासनादेश स्थगित किये जाने पर बुद्धवार को जारी अपने एक बयान में कही.
पंचायतीराज मंत्री महाराज ने कहा कि बिना उनकी और उनके विभाग की अनुमति के 16 जनवरी 2023 के शासनादेश
संख्या-1 के तहत विकासखंड स्तर पर विभिन्न विभागों के खंड स्तरीय कार्मिकों को खंड विकास अधिकारी के प्रशासनिक नियंत्रण में रखे जाने
और शासनादेश संख्या-2 के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम पंचायत विकास अधिकारी
अथवा ग्राम विकास अधिकारी में से किसी एक अधिकारी की तैनाती कर दोनों पदों का कार्यात्मक विलय किए जाने का निर्णय ले लिया गया था
जिसे मेरे हस्तक्षेप के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लेते हुए उक्त दोनों आदेशों को स्थगित कर दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करता हूं।
पंचायतीराज मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उक्त दोनों आदेश संविधान के 73वें संशोधन में वर्णित 29 विषयों को पंचायतों को हस्तांतरित करने के प्रयास की दिशा में अवरोध थे
इसके अलावा पंचायती राज विभाग के कार्मिकों द्वारा भी उक्त दोनों शासनादेश को निरस्त करने के लिए कार्य बहिष्कार भी प्रारंभ कर दिया गया था
इसलिए मैंने मुख्यमंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराया जिसके बाद इन दोनों आदेशों को स्थगित कर दिया गया है
उत्तराखंड ग्राम पंचायत विकास अधिकारी एसोसिएशन ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है
महाराज ने कहा कि उन्हें आपत्ति इस बात की है कि न उनसे और ना ही उनके मंत्रालय से इस संबंध में कुछ पूछा गया
उनका कहना था कि कोई भी निर्णय चाहे अच्छा हो या बुरा इस संबंध में पहले संबंधित मंत्री से पूछा जाना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत के सहकारिता के कार्यों को भी बिना उनसे पूछे बीडीओ के अधीन कर दिया गया.
ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना सर्वथा गलत है.
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि ऐसी विसंगति पैदा ना हो इसलिए दोनों विभागों का एक ही सचिव होना चाहिए और
अधिकारी अपनी मनमानी ना करें इसीलिए वह अधिकारियों की एसीआर लिखने की भी बात बार-बार कह रहे हैं
More Stories
Assembly Election 2027 भाजपा ने खुद लिखी बदलाव की कहानी- राजीव
Mansa Devi Mandir सीढ़ी मार्ग अन्य व्यवस्थाओं को लेकर महत्वपूर्ण निर्णय
Uttrakhand Assembly – राज्य के 6 राजनीतिक दलों की मान्यता समाप्त, 11 को नोटिस