हरिद्वार। सन्यासी से ग्रहस्त बने महेश गिरी को लेकर जुना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद ने जांच कमेटी गठित कर दी है।
11 सदस्यीय यह जांच कमेटी अगले 7 दिन में अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी।
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इस कमेटी के संरक्षक श्रीमहंत आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि होंगे तथा जबकि समिति में अध्यक्ष की जिम्मेदारी श्रीमहंत मोहन भारती को दी गई है।
बता दे कि श्री पंच दश नाम जूना अखाड़े के जूनागढ़ के भूतनाथ महादेव मंदिर पर महेश गिरी ने व्यक्तिगत संपत्ति होने का दावा किया था।
महेश गिरी ने जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक श्री महंत हरी गिरी पर भी कई अनर्गल आरोप लगाए थे।
संतों की इस जांच समिति में महामंडलेश्वर कपिल पुरी महाराज, महामंडलेश्वर महेश्वर आनंद गिरि महाराज ,श्री महंत गणपत गिरी, श्री महंत केदारपुरी, श्री महंत सिद्धेश्वर यती ,श्री महंत आनंद गिरि ,श्री महंत निरंजन भारती, श्री महंत शिवानंद सरस्वती तथा अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्री महंत नारायण गिरी महाराज को सदस्य नियुक्त किया गया है ।
जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज ने बताया महेश गिरी को श्री महंत अमृत गिरी महाराज ने जूनागढ़ स्थित कमंडल कुंड की देख-देख की जिम्मेदारी सौंपी थी।
लेकिन वह संन्यास धर्म छोड़कर गृहस्थ बन गए और बाद में दिल्ली से चुनाव लड़कर सांसद बन गए लेकिन अब उन्होंने भूतनाथ मंदिर जूनागढ़ तथा अन्य संपत्तियों पर कब्जा करने के नियत से फिर से संन्यास ग्रहण कर लिया ।
उन्होंने न केवल कब्जे की नीयत से भूतनाथ महादेव मंदिर पर अपना दावा ठोक दिया बल्कि खुद को महंत घोषित कर अपना उत्तराधिकारी भी घोषित कर दिया।
महेश गिरी ने इस दावे के साथ-साथ अखाड़े के संरक्षक श्री महंत हरि गिरि महाराज तथा गुजरात सरकार पर भी गंभीर आरोप लगाए।
उनकी इस हरकत के बाद गुजरात सरकार ने कमंडल कुंड चरण पादुका, अंबाजी मंदिर का अधिग्रहण कर लिया ।
श्री महंत नारायण गिरी ने बताया भूतनाथ महादेव मंदिर ,कमल कुंड चरण पादुका, अंबाजी मंदिर, भावनाथ मंदिर मुचुकुंड मंदिर, दूधेश्वर नाथ महादेव मंदिर यह सभी जूना अखाड़े की परंपरा के मंदिर है ।
उन्होंने कहा कि जूना अखाड़े की जांच कमेटी इस सब की गंभीरता से जांच कर इसका पर्दाफाश करेगी तथा इसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी ताकि अखाड़े की गौरवमई प्राचीन वैभवशाली परंपरा कायम रह सके।
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