उत्तराखण्ड सरकार ने मानी गलती, पतंजलि की पाँचों दवाओं पर लगा बैन हटाया
Haridwar- पतंजलि योगपीठ की पांच दवाईयों पर लगे प्रतिबंध को लेकर राज्य सरकार बैकफुट पर आ गई है.
उत्तराखंड सरकार ने इन पांच दवाओं पर लगा बैन हटा दिया है.
पतंजलि योगपीठ ने जारी ब्यान में इसके लिए एक अधिकारी को जिम्मेदार माना है.
यही उन्होंने इसे आयुर्वेद के खिलाफ एक षड्यंत्र बताते हुए अपनी क़ानूनी लड़ाई जारी रखने की बात की है.
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पतंजलि ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा प्रतिबंध को समाप्त कर दिया है.
जारी बयान में कहा गया है कि आयुर्वेद को बदनाम करके आयुर्वेद को मिटाने में लगा है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण कृत्य को हम कभी स्वीकार नहीं कर सकते।
पतंजलि विश्व की पहली संस्था है जिसके वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक रिसर्च पेपर्स प्रकाशित हुए हैं,
दो NABH (एनएबीएच) Accredited हॉस्पिटल हैं और अंतराष्ट्रीय मानकों के स्तर के अनेक NABL (एनएबीएल) Accredited अनुसंधान लैब हैं।
एक अधिकारी द्वारा जिस तरह का कृत्य किया गया, उससे हम बहुत आहत हैं।
आयुर्वेद व योग की स्थापना में किसी भी तरह से कोई भी षड्यंत्र करेगा या किसी भी मेडिकल माफिया या सनातन विरोधी षड्यंत्रकारियों में सम्मिलित होगा,
उसके विरूद्ध पतंजलि कानून के दायरे में रहकर अपनी लड़ाई जारी रखेगा।
आयुर्वेद को बदनाम करने के इस अविवेकपूर्ण कार्य का संज्ञान लेकर उत्तराखण्ड सरकार ने जिस प्रकार भूल का सुधार किया
उसके लिए हम सरकार के प्रति कृतज्ञ हैं कि सरकार द्वारा संज्ञान लेकर इस त्रुटि का सुधार किया गया।
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