Spurious Drugs को लेकर उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ऑपरेशन क्लीन शुरू करने जा रहा है।
जिसको लेकर सीमा क्षेत्रों पर चौकसी बढ़ाने के साथ साथ , भारत-नेपाल सीमा के प्रवेश द्वारों पर विशेष निगरानी अभियान चलाया जा रहा है।
इसके साथ सहायक औषधि नियंत्रक हेमन्त सिंह नेगी के नेतृत्व में 8 सदस्यी विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम का गठन किया गया है।
साथ इस ऑपरेशन के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर भी किया जारी किया है।
उत्तराखंड की देवभूमि अब नकली, अधोमानक एवं नशीली दवाओं के विरुद्ध निर्णायक लड़ाई के मोर्चे पर है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देश पर प्रदेशभर में राज्यव्यापी महाअभियान की शुरुआत किया गया है।
राज्य के फार्मा सेक्टर में व्याप्त विसंगतियों को समाप्त करने तथा युवा पीढ़ी को मादक औषधियों के दुष्प्रभाव से बचाने के उद्देश्य से यह कार्यवाही की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा यह केवल औषधि नियंत्रण नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा की दिशा में एक ठोस पहल है। इस अभियान में लापरवाही के लिए कोई स्थान नहीं है।
Spurious Drugs माफिया पर सख्त नजर
इस अभियान के तहत प्रदेशभर में स्प्यूरियस दवा माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जा रही है। नकली (Spurious), अधोमानक (Substandard), मिसब्रांडेड (Misbranded) और मादक औषधियों का निर्माण, भंडारण और विक्रय करने वालों पर निगरानी,
औषधि निर्माता फर्मों, थोक विक्रेताओं, फुटकर विक्रेताओं एवं कच्चा माल आपूर्तिकर्ता फर्मों की विस्तृत जाँच, स्थानीय पुलिस और प्रशासन के सहयोग से संयुक्त छापेमारी की जायेगी।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा इस अभियान का स्पष्ट संदेश है कि जो भी व्यक्ति या संस्था नकली या नशीली औषधियों के व्यापार में लिप्त पाए जाएँगे, उनके विरुद्ध कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
QRT टीम–अभियान की अग्रिम पंक्ति में
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने इस कार्यवाही हेतु विशेष क्विक रिस्पॉन्स टीम (QRT) गठित की है, जिसका नेतृत्व सहायक औषधि नियंत्रक, कुमांउ मंडल हेमंत सिंह कर रहे हैं।
टीम में डॉ सुधीर कुमार सहायक औषधि नियंत्रक मुख्यालय, नीरज कुमार वरिष्ठ औषधि निरीक्षक मुख्यालय, मिनाक्षी बिष्ट वरिष्ठ औषधि निरीक्षक नैनीताल, सीपी नेगी वरिष्ठ औषधि निरीक्षक टिहरी, अनिता भारती वरिष्ठ औषधि निरीक्षक हरिद्वार, मानवेन्द्र सिंह राणा औषधि निरीक्षक देहरादून, निशा रावत औषधि निरीक्षक मुख्यालय, गौरी कुकरेती औषधि निरीक्षक मुख्यालय शामिल हैं।
यह टीम प्रदेश भर में छापेमारी व सघन निगरानी अभियान चलाएगी।
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया QRT को विश्लेषणशाला की रिपोर्ट, जिला प्रशासन से प्राप्त सूचना और टोल फ्री हेल्पलाइन से मिली जानकारियों पर तत्काल कार्रवाई का अधिकार प्राप्त है।
राज्य के औषधि निरीक्षण ढाँचे को सशक्त किया गया
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया प्रदेश के सभी जिलों को औषधि निरीक्षण कार्य हेतु दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है।
श्रेणी-1 जिले :- देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, उधमसिंह नगर, पौड़ी
श्रेणी-2 जिले :- अल्मोड़ा, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, चंपावत आदि
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया प्रत्येक जिले में निरीक्षण और सैंपलिंग की प्रक्रिया साप्ताहिक रिपोर्टिंग के साथ चलाई जा रही है।
भारत नेपाल अंतरराष्ट्रीय सीमा, प्रवेश द्वारों धारचूला, झूलाघाट, टनकपुर, बनबसा, खटीमा के साथ ही राज्य की समीओं पर विशेष निगरानी लगाई गई है।
नमूनों की वैज्ञानिक जाँच और सशक्त विश्लेषण प्रणाली
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया राज्य की औषधि विश्लेषणशालाओं को आधुनिक संसाधनों और प्रशिक्षित मानवबल से सुसज्जित किया गया है।
प्रत्येक सप्ताह जिलों से प्राप्त संदिग्ध औषधियों के नमूनों की प्राथमिकता के आधार पर जाँच की जा रही है।
हमारा लक्ष्य है कि एक भी नकली दवा उपभोक्ता तक न पहुँचे। डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा हर रिपोर्ट पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
टोल फ्री हेल्पलाइन
डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया स्वास्थ्य विभाग ने टोल फ्री हेल्पलाइन 18001804246 शुरू की है।
कोई भी नागरिक नकली, नशीली या संदेहास्पद औषधियों के संबंध में जानकारी इस पर साझा कर सकता है।
शिकायतकर्ता की पहचान पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी। प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित जांच और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
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