हरिद्वार। संत को महामंडलेश्वर बनाने के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है। इसके बाद अखाड़े ने कार्रवाई करते हुए आरोपी महामंडलेश्वर को बर्खास्त कर दिया है।
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मामला उज्जैन का है जहां पर निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर पर संत को अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने की एवज में 7:50 लाख रुपए ठगने का आरोप लगा है।
जिसे अखाड़े ने गंभीरता से लेते हुए अन्य पधाधिकारी से विचार विमर्श के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
दरअसल सुरेश्वरानंद पूरी ने चिनमगंज थाने में निरंजनी अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाए जाने के नाम पर लाखों की ठगी का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है जिसमे मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता और अश्वनी चौधरी को आरोपी बनाया है।
पीड़ित सुरेश्वरानद महाराज ने अपने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया की महामंडलेश्वर बनाए जाने के नाम पर उनसे पैसा लिया गया लेकिन जब उन्होंने अखाड़े के हरिद्वार मुख्यालय में पता किया तो अखाड़े द्वारा इस तरह से कोई पैसा नहीं किया जाता। उन्होंने आरोप लगाया की अपने पैसे वापस मांगने पर उल्टा उन्हे धमकी दी गई।
निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने बताया कि इस तरह की शिकायत मिलने के बाद जब इसकी जांच कराई गई तो अखाड़े की महिला महामंडलेश्वर पर लगे आरोप सही पाए गए। इसके बाद अखाड़े के अन्य पदाधिकारी के साथ विचार विमर्श करने के बाद बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
श्रीमहंत ने यह भी साफ किया की अखाड़े में किसी को महामंडलेश्वर बनाए जाने का किसी भी तरह के पैसे कीd डिमांड नही की जाती है। बता दें कि 2016 में उज्जैन में मंदाकिनी पुरी उर्फ ममता को महामंडलेश्वर बनाया गया था।
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