August 3, 2025

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swami-yatishwranand Arya Samaj wanted population control and free education medical demand

Swami Yatishwranand- जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ निःशुल्क शिक्षा, चिकित्सा, न्याय प्रक्रिया की उठी आवाज

swami-yatishwranand जनसंख्या नियंत्रण कानून के साथ निःशुल्क शिक्षा, चिकित्सा, न्याय प्रक्रिया पर आर्य समाजियों ने मांग उठाई है।

हरिद्वार वेद मंदिर आश्रम में हुई बैठक में जनहित के तमाम मुद्दों पर आर्य समाज नवंबर में बड़ा आयोजन करने जा रहा है।

हरिद्वार। आर्य समाज की वेद मंदिर आश्रम में हुई बैठक में निशुल्क शिक्षा, चिकित्सा, न्याय, जनसंख्या नियंत्रण कानून

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के साथ तमाम जनहित के मुद्दों को उठाते हुए हरिद्वार में विशाल शोभायात्रा निकालने को लेकर गहन मंथन हुआ।

swami-yatishwranand Arya Samaj wanted population control and free education medical demand वक्ताओं ने कुप्रथाओं को समाप्त करते हुए नशामुक्त, भ्रूण हत्या, चरित्रवान होने के साथ एक अभिवादन जैसे मुद्दे को उठाते हुए आर्य समाज को संगठित होकर कार्य करने को आह्वान किया।
रविवार को वेद मंदिर आश्रम में आर्य समाज की बैठक हुई।

जिसमें पूर्व कैबिनेट मंत्री Swami Yatishwanand ने कहा कि आर्य समाज के प्रवर्तक महर्षि दयानंद के सिद्धांतों को अपनाते हुए सर्वसमाज का उत्थान संभव है।

उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण कानून बहुत जरूरी बताते हुए कहा कि व्यक्तिगत पूजा और एक नाम को बढ़ावा देने की परंपरा होना गलत है।

आर्य समाज स्वयं आंदोलन का नाम है। महापुरुषों के सपनों को साकार करने के लिए लोगों की जगाने और कुप्रथाओं की समाप्ति के लिए आर्य समाज को सड़कों को आना होगा।

उन्होंने कहा कि एक आर्य समाजी सैकड़ों पर भारी है, उन्हें अपनी ताकत पहचाननी होगी और आर्यसमाज को एक मंच पर आना होगा। प्रत्येक व्यक्ति को अपने दर्शन वेद को जानना जरूरी है।

प्रीति भाटिया ने आर्य समाज में महिलाओं को जोड़ने का आह्वान किया। यशपाल सिंह आर्य ने देश में लिव इन रिलेशन, समलैंगितता के कानून को निरस्त करने की मांग उठाई।

आर्य समाज के प्रधान हाकम सिंह ने शोभायात्रा को ऐतिहासिक बनाने के लिए गांव—गांव, शहरों में हस्ताक्षर अभियान चलाने के लिए कहा और आर्य समाज की मासिक बैठक करने को कहा।

पूर्व अध्यक्ष मानपाल सिंह ने कहा कि आर्य समाज राष्ट्र, आगामी पीढ़ी के भटकाव पर चिंतन करता है।

उन्होंने भ्रूण हत्या पर चिंता जताते हुए कहा कि चरित्रवान बनाने के लिए बालक और बालिकाओं के स्कूल अलग—अलग हो, साथ ही जातिवाद समाप्त करने की बात कही।

उन्होंने एक देश में एक अभिवादन होने की बात कही।
संचालन करते हुए स्वामी ओमानंद ने कहा कि आर्य समाज ने हमेशा राष्ट्रवाद के लिए काम किया है, अब चरित्र बचाना प्राथमिकता में शामिल है।

उन्होंने कहा कि यदि शिक्षा अच्छी होगी तो दुख नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि गायत्री मंत्र महिला पुरुष सभी पढ़ और उच्चारण कर सकते हैं।

उन्होंने फैलते नशा पर दुख जताते हुए कहा कि नशा ही भ्रष्टाचार की जड़ और मूल कारण है।

इस मौके पर स्वामी योगेश्वरानंद, स्वामी नरेंद्रानंद, आचार्य रणवीर, राष्ट्रीय करणी सेना के अध्यक्ष कुलदीप राणा, डॉ दिनेश सिंह, यशवीर सिंह, ब्रहमपाल सिंह, वेदपाल, डॉ जयपाल सिंह, आनंदस्वरूप वर्मा, जगपाल सिंह, दिनेश, स्वामी निगम भारती, स्वामी योगेश्वरानंद, स्वामी शिवानंद, स्वामी सुरेंद्रानंद, यशपाल सिंह आर्य, राकेश आर्य, सुशील भाटिया, प्रीति भाटिया, योगेंद्र मेधावी आदि ने विचार रखे। इस मौके पर भारी संख्या में आर्यसमाज से जुड़े लोग शामिल हुए।

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