हरिद्वार। शनिवार को हरिद्वार जिला प्रशासन नेगढ़मिरपुर में अवैध रूप से बनी मजार को ध्यस्त कर दिया।
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टिहरी विस्थापित पुनर्वास समिति की भूमि पर बनी अवैध मजार को ध्यस्त करने के लिए भारी मात्रा में पुलिस बल तैनात किया गया था।
मजार के ध्वस्तीकरण के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो रही वीडियो से हड़कम्प मच गया। जिसके बाद मजार को लेकर संत के कनेक्शन की बात सामने आ रही है। वीडियो में दिखाई देने वाला संत अपने को सूर्यानंद गिरी बता रहा है।
वीडियो में संत अपने को police public coordination committee भारत का executive member बता रहे है।
हम वायरल वीडियो की सत्यता को प्रमाणित नही करते है
देखे वायरल वीडियो में क्या कह रहे है संत
वीडियो में संत मजार के सामने खड़े होकर किसी भी अधिकारी को यंहा हस्तक्षेप न करने की बात कर रहे है।
वीडियो में स्वामी सूर्यानंद पट्टे की जमीन को दानपत्र के माध्यम से दान दिए जाने की बात कर रहे है।
करोड़ो की जमीन का कड़ा खेल
मिली जानकारी के अनुसार करीब दस साल पहले इस मजार का निर्माण हुआ था। इससे पहले यह भूमि सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश की थी जिसको कृषि पट्टों के लिए दी गई थी जो समाप्त हो गए है। जिसके बाद इस भूमि को खुर्दबुर्द करने के इरादे से इसपर इस तरह का खेल खेला गया।
फिलहाल स्वामी सूर्यानंद गिरी जी से जब इस बाबत फ़ोन पर बात की गई तो उन्होंने अपने आप को इस मामले न जोड़े जाने की बात कही। उन्होंने फ़ोन पर बताया कि उन्हें बरगलाकर वहां ले जाया गया था जिसके बाद वीडियो बनवा कर उसे गलत तरीके से वायरल किया गया है।
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