November 21, 2024

24x7breakingpoint

Just another WordPress site

Garhwal Lok Sabha-चुनावी मुकाबले में नजर आ रहा है “बैटल ऑफ बहुगुणा”

Gharwal Lok Sabha interesting battal Between Baluni and Godiyal

देहरादून। उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में सबसे हॉट सेट माने जाने वाली गढ़वाल सीट पर मुकाबला रोचक बनता जा रहा है। एक तरफ बीजेपी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख है तो दूसरी तरफ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल मैदान में है।

जानकारों की माने तो गढ़वाल सीट पर यह मुकाबला “बैटल ऑफ बहुगुणा” की याद दिलाता हुआ नजर आ रहा है।

ख़ास खबर – हरिद्वार लोक सभा सीट पर कम नहीं हो रही हरदा की मुसीबत

इन सबके बीच गढ़वाल लोकसभा सीट पर गढ़वाली भाषा के दो गीत खासा चर्चा का विषय बने हुए हैं।

इन गीतों पर भाजपा अपने को भले ही असहज महसूस करें लेकिन कांग्रेस को ये गीत अपने लिए मुफीद लग रहे हैं।

लोकसभा सीट पर “पहाड़ का रैबासी” और प्रवासी और “एक चखुली” हर किसी की जुबान पर सुनाई दे रहा है।

आइए जानने की कोशिश करते हैं कि इस सीट पर वह दो बड़े मुद्दे क्या होंगे जिस पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच इस चुनाव में कसमकस रहने वाली है।

“बैटल ऑफ बहुगुणा”

गढ़वाल लोकसभा सीट पर इस समय एक बार फिर 1982 की बैटल ऑफ बहुगुणा की याद दिला रहा है 1982 में जब गढ़वाल लोकसभा सीट पर उपचुनाव होना था तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस सीट को अपनी प्रतिष्ठा का सीट मानते हुए बड़े स्टार प्रचारकों को अपने उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार करने के लिए भेजा था तब उसे समय बहुगुणा ने कांग्रेस के चंद्र मोहन नेगी को बड़े अंतर से हराकर विजय प्राप्त की थी उसे समय की इस लड़ाई को बैटल ऑफ बहुगुणा का नाम दिया गया था 2024 में भी इसी तरह की बैटल के संकेत दिखाई दे रहे हैं।

“एक चखुली” और “पहाड़ कु रैबासी”

गढ़वाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस अपने 30 साल के सूखे को समाप्त करने के इरादे से मैदान में है जबकि बीजेपी इस सीट पर अपनी जीत की परंपरा को बचाने के लिए जंग लड़ रही है।

इन सबके बीच में सोशल मीडिया पर लोक भाषा में दो गीत लोगों की चर्चा का विषय बना रहे हैं जिसमें सौरव मैथानी का गीत “पहाड़ों को रैबासी” और रचना भंडारी और संदीप ढौंडियाल का “एक चखुली” गीत चुनावी मौसम में खूब बजाए जा रहे है।

पहाड़ू कू रैबासी गीत के जरिए बाहरी और भीतरी के मुद्दे को हवा देता नजर आ रहा है तो “एक चखुली” गीत पूरी तरह से अंकिता भंडारी को समर्पित किया गया है।

दोनो ही गीतों पर भाजपा असहज नजर आ रही तो तो कांग्रेस को ये गीत संजीवनी दिखाई दे रहे है।

About The Author