December 3, 2024

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STF BIG ACTION IN UKSSSC EXAM scam 3 EX OFFICERS ARESSTED

UKSSSC परीक्षा घोटाले में STF की बड़ी कार्यवाही, तीन अधिकारी गिरफ्तार

Dehradun= उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में हुई धाँधलियों पर एसटीएफ़ ने बड़ी कार्रवाई की है.

UKSSSC की 2016 में कराई गई BPDO भर्ती परीक्षा में धांधली में तीन बड़े अधिकारीयों पर कार्यवाही की गई.

इसमें पूर्व चेयरमैन आरबीएस रावत,सचिव मनोहर कन्याल,पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को गिरफ़्तार कर लिया गया है.

इसकी पहले हुई जांच में परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव के घर पर हुआ था.

STF की भर्ती परीक्षा प्रकरण में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाही है ।

2016 के मामले में लंबे समय से जाँच चल रही थी लेकिन मुख्यमन्त्री के कड़े रुख़ के बाद जाँच एजेंसियों ने भी तेज़ी दिखाई।

मुख्यमंत्री ने STF को सराहा 

मुख्यमंत्री धामी ने एसटीएफ की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि जाँच एजेंसिया पूरी निष्पक्षता से अपना काम कर रही हैं।

उत्तराखंड के युवा का हक़ मारने वाले किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज की कार्रवाई इस बात की मिसाल है कि भविष्य में कोई इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने की हिम्मत न कर सके.

2016 से लेकर अब तक की पूरी कहानी 

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 6 मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (BPDO) चयन परीक्षा करवाई गई.

इस परीक्षा में 87196 परीक्षार्थियों द्वारा प्रतियोगी परीक्षा में भाग लिया गया था.

30 मार्च 2016 को परीक्षा का परिणाम घोषित किया गया था.

परीक्षा में धांधली के मद्देनजर विभिन्न शिकायतों के आधार पर उत्तराखंड शासन द्वारा तत्कालीन अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जांच समिति वर्ष 2017 में गठित की गई थी.

जांच समिति ने परीक्षा में अनियमितताओं की पुष्टि होने के कारण इस परीक्षा परिणाम को निरस्त किया गया.

वर्ष 2019 में सचिव कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग के निर्देशानुसार उक्त परीक्षा में हुई अनियमितताओं के संबंध में जांच सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर देहरादून को प्राप्त हुई
वर्ष 2020 में मामले में कई धाराओं 01/20 धारा 420/468/467/120B ipc व धारा 13 (1)  मेमामाला दर्ज किया गया.

2020 से वर्ष 2022 तक उक्त प्रकरण की विवेचना सतर्कता अधिष्ठान देहरादून द्वारा की जा रही थी

2022 माह अगस्त में मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रकरण की विवेचना एसटीएफ को स्थानांतरित हुई.

पूर्व में जांच कमेटी द्वारा उक्त परीक्षा से संबंधित ओएमआर शीट को FSL भेजा गया था एवं FSL से उक्त OMR शीट में छेड़छाड़ होने की पुष्टि हुई थी.

विवेचना के दौरान यह भी पाया गया कि परीक्षा से संबंधित ओएमआर स्कैनिंग / फाइनल रिजल्ट बनाए जाने का का कार्य तत्कालीन सचिव मनोहर सिंह कन्याल के घर पर हुआ था.

विवेचना के दौरान अभी तक दो दर्जन से अधिक अभ्यर्थी चिन्हित किए गए हैं और उनके बयान एसटीएफ द्वारा दर्ज किए गए.
विवेचना के दौरान कई अहम गवाहों के बयान न्यायालय में भी कराए जा चुके हैं जो केस की अहम साक्ष्य है.

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