April 27, 2024

24x7breakingpoint

Just another WordPress site

Gitivar nath jankalyan dhrmarth seva Trust operate free education classes for poor child in Haridwar

गंगा किनारे गूंज रहा एक ही नारा “बच्चों को भीक्षा नहीं शिक्षा”

हरिद्वार । हरिद्वार में गंगा किनारे भिक्षा मांगकर गुजर बसर कर रहे बच्चों को इन दिनों शिक्षा का दान दिया जा रहा है। स्वयं सेवी संस्था द्वारा गंगा घाट पर रहने वाले करीब तीन दर्जन बच्चो को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया गया है।

खास खबर – हरिद्वार लोकसभा सीट पर त्रिवेंद्र रावत ने शुरू की नई पहल, मोदी भी हो गए कायल

जिसमे शहर के लोगों का भी सहयोग संस्था को मिल रहा है। जिसमे लोग यहां पहुंच n केवल बच्चो को पढ़ा रहे है अपितु उनके साथ होली खेल कर उनके चेहरों पर मुस्कान लाने का काम भी कर रहे है।

Gitivar nath jankalyan dhrmarth seva Trust operate free education classes for poor child in Haridwar हर की पौड़ी के निकट रोडिबेलवाला क्षेत्र में गरीब और असहाय बच्चो को शिक्षित करने का काम किया जा रहा है।

गिरवर नाथ जनकल्याण धर्मार्थ ट्रस्ट ने उत्तराखंड पुलिस के सहयोग से यह बीड़ा उठाया है।

संस्था के अध्यक्ष कमल बताते है कि यह संस्था का छोटा सा प्रयास है जिसमे बच्चो में शिक्षा के प्रति रुचि बढ़ाना है और इसमें जो बच्चे आगे पढ़ना चाहते है तो उन्हें प्राइमरी स्कूल में दाखिला दिला कर उसका सारा खर्चा संस्था द्वारा वहन किया जाएगा।

संस्था के इस प्रयास को स्थानीय लोगों का भी साथ मिल रहा है जिसमे वे भी अपनी भागीदारी निभा रहे है। महिलाएं वहा पहुंच न केवल बच्चो को पढ़ाने में सहयोग कर रही है बल्कि उनके चहरे पर मुस्कान लाने के लिए उनके साथ होली भी खेल रहे है।

उनका मानना है कि संस्था का प्रयास अच्छा है और वे इसमें जितना हो सकता है अपनी भागीदारी दे रही है।

गिरवर नाथ जलकल्याण धर्मार्थ सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष कमल खड़का ने कहा की छोटे बच्चों के चेहरे पर मुस्कान लाकर अपने आप मे अच्छा महशूस कर रहे है बच्चे भी पढ़ने मे अपनी रूचि दिखा रहे है सपना खड़का और रश्मि शर्मा ने कहा कि बच्चों में शिक्षा को लेकर रुचि पैदा करना बहुत ही अहम कार्य है जिसमे स्थानीय लोग भी अपना समय समय पर सहयोग दे रहे है।

गीतांजलि शर्मा शुभ प्रभा ने कहा कि वे बच्चो को शब्द ज्ञान देकर कोशिश कर रही है की बच्चो में पढ़ाई को लेकर रुचि बड़े जिससे वे शिक्षित हो सके।

About The Author