Chhath fasting women engaged in offering Arghya to the setting sun
हरिद्वार। धर्मगनगरी में चारों ओर पूर्वांचल परचम लहराया। गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
छठ गीतों के साथ फलों की टोकरी सर पर उठाये गंगा घाटों पर जाते लोगों को देखने के लिए सड़कों पर भीड़ जुटी रही।
सप्तऋषि, शांतिकुंज, हरकी पैड़ी, परशुराम घाट, गोविन्दपुरी घाट, अखिल भारतीय संत समिति घाट,
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प्रेमनगर आश्रम घाट, जटवाड़ा पुल, शिवालिक नगर, भेल सैक्टर-4 मंदिर, नवोदय नगर छठ पार्क,
बैरागी कैंप से लेकर कनखल के राधा रास बिहारी, शीतला घाट और बहादराबाद के गंग नहर घाट पर श्रद्धालुओं ने श्रद्धा और उल्लास के साथ छठ पर्व मनाया।
छठ पर्व के तीसरे दिन छठ व्रतियों ने रविवार को अस्त होते भगवान सूर्यनारायण को अर्घ्य देकर प्रार्थना की।
इस दौरान छठी मैया के गीतों से वातरण गुंजायमान हो गया।
सोमवार की भोर में व्रतियां उदित सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर महापर्व का समापन करेंगी।
रविवार की दोपहर 3 बजे से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। पूर्वांचल उत्थान संस्था, पुर्वांचल महासभा समिति,
पूर्वांचल जन जागृति संस्था, पूर्वांचल छठ पूजा समिति, भोजपुरी लोक सेवा समिति, सहित अन्य संस्थाओं की ओर से छठ पूजा को लेकर व्यापक इंतजाम किए गए।
छठ के परंपरागत गीत कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए, सुगवा जे मरबो ध्नुष से सुगा जईहे मुरझाय आदि से पूरा वातावरण गुंजायमान होता रहा।
हर ओर बस महिलाओं की मधुर आवाज में छठ की परंपरागत गीत गूंज ने लोगों को आकर्षित किया।
इस बीच मन्नत आदि वाले लोग घाटों पर गाजे-बाजे के साथ पहुंचे तो बच्चों ने जमकर आतिशबाजी भी की।
हर इसमें बांस की दौरी व सुपली आदि में पूजन सामग्री व पफलों को लेकर पुरुष व बच्चे आगे-आगे चल रहे थे।
इस बीच घाटों पर बच्चों ने जमकर आतिशबाजी भी की।
पूर्वांचल उत्थान संस्था की ओर से छठ महापर्व के लिए विशेष तैयारियां की गई। संस्था के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने बताया कि छठ पर्व पूर्वांचल समाज का संगम होता है।
एक पारिवारिक माहौल में लोग छठ पर्व मनाते हैं। नवोदय नगर में छठ पार्क में लोगों ने छठ पर्व मनाया।
मदनेश मिश्रा ने बताया कि केदारनाथ, यमनोत्री और गंगोत्री के जल से छठ घाट निर्मित किया गया है।
कनखल के राध रासबिहारी घाट पर आचार्य उद्धव मिश्र के सौजन्य से छठ पर्व का आयोजन किया गया।
जिसमें बड़ी संख्या में मिथिला वासियों ने भगवान सूर्य को अर्घ्य देकर प्रार्थना की।
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