December 5, 2024

24x7breakingpoint

Just another WordPress site

Manskhand jhaki ready to take part in Republic Day Pared

गणतंत्र दिवस परेड में देखेगी उत्तराखण्ड की मानसखण्ड झांकी

गणतंत्र दिवस परेड में कर्तव्य पथ पर देखेगी मानसखण्ड की झांकी

उत्तराखण्ड की मानसखण्ड पर आधारित झांकी का हुआ चयन

गणतंत्र दिवस परेड-2023 के लिए उत्तराखण्ड राज्य की झांकी का अंतिम चयन हो गया है।

भारत सरकार द्वारा अंतिम रुप से इस बार नई दिल्ली कर्त्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में ‘मानसखण्ड’ की झांकी का प्रदर्शन करने की स्वीकृति पदान की है।

खास खबर-भारतीय क्रिकेटर ऋषभ पंत की कार का एक्सीडेंट गंभीर रूप से घायल

यह जानकारी देते हुए सूचना विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि

झांकी के अग्र तथा मध्य भाग में कार्बेट नेशनल पार्क में विचरण करते हुए हिरन,

बारहसिंघा, घुरल, मोर तथा उत्तराखण्ड में पाये जाने वाली विभिन्न पक्षियों व झांकी के पृष्ठ भाग में प्रसिद्ध जागेश्वर मन्दिरसमूह

तथा देवदार के वृक्षों को दिखाया जायेगा

साथ ही उत्तराखंड की प्रसिद्ध लोक कला ‘ऐपण’ का भी झांकी के मॉडल में समावेश किया गया है।

झांकी के साथ उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए छोलिया नृत्य का दल सम्मिलित होगा।

झांकी का थीम सांग उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति पर आधारित होगा।

गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर मानसखण्ड पर आधारित झांकी का प्रदर्शन होगा।

देश विदेश के लोग मानसखण्ड के साथ ही उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति से भी परिचित होंगे।

ज्ञातव्य है कि गणतंत्र दिवस की झांकी के लिए लगभग 27 राज्यों ने अपने प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किये थे,जिसमें 16 राज्यों का ही अंतिम चयन हुआ है।

राष्ट्रीय समारोह के नोडल अधिकारी संयुक्त निदेशक, के.एस. चौहान द्वारा झांकी का डिजाइन,

थ्री-डी मॉडल तथा संगीत के संदर्भ में रक्षा मंत्रालय के अधीन गठित विशेषज्ञ समिति के सम्मुख नई दिल्ली में 7 बार प्रस्तुतिकरण करने के उपरान्त उत्तराखण्ड राज्य का अंतिम चयन हुआ है।

उत्तराखण्ड राज्य द्वारा अभी तक गत् वर्षों में 13 झांकियों एवं उत्तराखण्ड की कला एवं संस्कृति का प्रदर्शन कर्त्तव्य पथ पर किया गया है,

इनमें वर्ष 2003 में ‘फुलदेई’, वर्ष 2005 में ‘नंदा राजजात’, वर्ष 2006 में ‘फूलों की घाटी’,

वर्ष 2007 में ‘कार्बेट नेशनल पार्क’, वर्ष 2009 में ‘साहसिक पर्यटन’,

वर्ष 2010 में ‘कुम्भ मेला हरिद्वार’, वर्ष 2014 में ‘जड़ीबूटी’, वर्ष 2015 में ‘केदारनाथ’,

वर्ष 2016 में ‘रम्माण’, वर्ष 2019 में ‘अनाशक्ति आश्रम’, वर्ष 2021 में ‘केदारखण्ड’ तथा

वर्ष 2022 में ‘प्रगति की ओर बढ़ता उत्तराखण्ड’ सम्मिलित हैं।

About The Author