June 6, 2025

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Property in Haridwar- हरिद्वार में घर का सपना पूरा करना है तो इस खबर को जरूर पढ़ें

HRDA demolished 4 differents developing illegal colonies in Haridwar

हरिद्वार। हरिद्वार-रूड़की विकास प्राधिकरण (Haridwar Roorkee Devlopment Authority) ने जिले में कई अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाने का काम किया।

नगरीय क्षेत्र से लेकर ग्रामीण क्षेत्र तक विभाग ने करीब 100 बीघा में बन रही अवैध निर्माण को ध्वस्त करने का काम किया।

यदि आप भी धर्म नगरी हरिद्वार में अपना सपनो का घर बनाने चाहते है तो इस खबर को ध्यान से पढ़े।

खबर में आपको उन कॉलोनियों के बारे में विस्तार से बताने का काम किया जाएगा जो प्रधिकरण में नक्शा पास किये बिना बनाई जा रही थी।

HRDA demolished 4 differents developing illegal colonies in Haridwar हरिद्वार तहसील भगवानपुर क्षेत्रान्तर्गत विभिन्न स्थानों पर अनधिकृत रूप से विकसित/विकसित की जा रही कॉलोनियों को प्राधिकरण की शाखा कार्यालय रूड़की की टीम द्वारा पुलिस बल के साथ ध्वस्त किया गया, जिसका विवरण निम्नवत् हैः-
HRDA demolished 4 differents developing illegal colonies in Haridwar1. लावा रोड़, तहसील भगवानपुर में नीरज गोयल, विनोद थापा द्वारा लगभग 10 से 15 बीघा में विकसित की जा रही अनधिकृत कॉलोनी को ध्वस्त किया गया।
2. ईदगाह के पास चुडियाला रोड़, तहसील भगवानपुर मेें लगभग 35 से 36 बीघा क्षेत्रफल में काका द्वारा विकसित की गयी अनधिकृत कॉलोनी को ध्वस्त किया गया।
HRDA demolished 4 differents developing illegal colonies in Haridwar3. आर0आई0 से आगे सिसौना, भगवानपुर में मुनीर आलम द्वारा लगभग 30 से 32 बीघा क्षेत्रफल में विकसित की जा रही अनधिकृत कॉलोनी को ध्वस्त किया गया।
4. पुलस्तीय होटल के पीछे सिसौना भगवानपुर मे अब्दुल रहमान द्वारा लगभग 12 से 13 बीघा क्षेत्रफल में अनधिकृत रूप से विकसित की जा रही कॉलोनी को ध्वस्त किया गया।

उक्त चारों अनधिकृत निर्माणकर्ताओं को प्राधिकरण द्वारा उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास (संशोधित) अधिनियम 2013 की सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुए सुनवाई का पर्याप्त अवसर प्रदान किया गया।

अनधिकृत निर्माणकर्ताआंे द्वारा आदेशों के अवहेलना करते हुए अनधिकृत निर्माण/विकास कार्य जारी रखा गया, जिसके उपरान्त नियमानुसार ध्वस्तीकरण की कार्यवाही की गयी।

मौके पर अनधिकृत निर्माण/विकासकर्ताओं को निर्देशित किया गया कि प्राधिकरण से बिना मानचित्र स्वीकृत कराये अग्रेत्तर निर्माण/विकास कार्य न करें।

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