Dayanand Saraswati भव्य शोभायात्रा निकालकर महर्षि दयानंद के सिद्धांतों का दिया संदेश
आर्य समाजियों ने आर्य राष्ट्र निर्माण यात्रा निकालकर निशुल्क, शिक्षा, सुरक्षा, चिकित्सा, न्याय, चरित्र निर्माण, जनसंख्या समाधान की उठाई मांग
शोभायात्रा के दौरान केसरिया रंग से रंगी रही हरिद्वार धर्मनगरी, ओइम के उच्चारण के साथ यज्ञ के माध्यम से दी जाती रही आहूतियां
हरिद्वार। आर्य उप प्रतिनिधि सभा हरिद्वार उत्तराखंड की ओर से महर्षि दयानन्द सरस्वती की 200वीं जयंती व आर्य समाज की स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भव्य ”आर्य राष्ट्र निर्माण यात्रा” निकाली गई।
जिसके माध्यम से निशुल्क, शिक्षा, सुरक्षा, चिकित्सा, न्याय, चरित्र निर्माण, जनसंख्या समाधान के लिए राज्यपाल के नाम से ज्ञापन जारी किया।
हरिद्वार में निकाली गई शोभायात्रा में आर्य समाज की संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ गुरुकुल एवं स्कूली छात्र—छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।
योगगुरू स्वामी रामदेव के साथ समस्त आर्य समाजियों ने महर्षि दयानंद सरस्वती के सिद्धांतों के साथ वेदों को पढ़कर उन्हें अमल में लाने को आह्वान किया।
रविवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के नेतृत्व में स्वामी दर्शानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर हरिद्वार के परिसर में आर्य उप प्रतिनिधि सभा की ओर से ”आर्य राष्ट्र निर्माण यात्रा” से पूर्व हवन—यज्ञ हुआ। इसके बाद मंचासीन अतिथियों ने आर्य समाज के सिद्धांतों के बारे में जानकारी दी।
जिसमें योगगुरू स्वामी रामदेव ने कार्यक्रम में पहुंचे भारी संख्या में आर्य समाजियों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि वेदों के पथ पर चलो, वेद सनातन मूल है, Dayanand Saraswati नहीं होते तो गुरुकुल ना होते, तमाम विद्वान न होते और आडम्बर खत्म नहीं होते।
उन्होंने कहा कि महर्षि ने पूरे देश में जागरूकता की क्रांति पैदा की। उन्होंने कार्यक्रम में भक्ति के लिए जोश भरा। इस दौरान स्वामी रामदेव ने गीत भी गया।
कार्यक्रम संयोजक पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि आज परिवारों में एकरूपता नहीं है। संस्कृति को भुलाकर पाश्चात्य संस्कृति की भटक रहे हैं, जबकि विश्व में सनातन परंपराओं को अपनाने का काम हो रहा है।
इसलिए महर्षि दयानंद सरस्वती के सिद्धांतों के प्रचार के साथ इन्हें अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने बढ़ती जनसंख्या, समलैंगिता के लिए सख्त कानून की मांग करते हुए कहा कि देश में शिक्षा, चिकित्सा, न्याय पूरी तरह से निशुल्क हो, ताकि हर कोई देशवासी अच्छा जीवन व्यतीत कर सके।
उन्होंने पाश्चात्य के बजाय गुरुकुल पद्धति को अपनाने पर जोर दिया। इस दौरान स्वामी अग्निवेश के साथ तमाम विद्धवानों ने अपने विचार रखे।
इस मौके पर कई अखाड़ों के श्रीमहंत, कोठारी के साथ प्रो सत्यदेव विद्यालंकार, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक संजय गुप्ता, स्वामी धर्मानंद, हाकम सिंह आर्य, स्वामी घनश्याम, योगी प्रज्ञानंद,
स्वामी मुक्तिवेश, स्वामी वैदिक देव, मेघानंद सरस्वती, ओमानंद परिव्राजक, अमन शास्त्री, रमाकांत, बलवंत चौहान, अभिषेक, गौतम खट्टर, योगेश्वरांद,
शिवकुमार चौहान, उधम सिंह, पवन आर्य, प्रीति आर्य, सुनील सैनी, कमला, पदम सिंह, आदित्य देश महाराज, शहदेव शास्त्री, धन्यजय शास्त्री, अतुल मगन, अनिल गोयल, जागेश्वर मुनि, पूर्व प्रधान हाकम सिंह, मानपाल सिंह आर्य, कोषाध्यक्ष ब्रह्मपाल आर्य,
दिनेश कुमार आर्य, इंद्रराज सिंह, भोपाल गिरी, जिला पुरोहित बलवंत सिंह आर्य, डॉ रामपाल, चौधरी राज सिंह, ज्ञान सिंह, नितिन आर्य, रामपाल आर्य, मास्टर यशवीर सिंह, जयपाल सिंह, वीरेंद्र आर्य, चेयरमैन राजीव शर्मा, अशोक चौधरी आदि शामिल हुए।

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