हरिद्वार। देश की राजनीति में अस्तित्व के लिए जूझ रही कांग्रेसी के लिए धर्मनगरी हरिद्वार से बुरी खबर है। कांग्रेस का हर की पौड़ी के पास सुभाष घाट पर स्थित एतिहासिक कार्यालय को कोर्ट के आदेश के बाद खाली करा दिया गया। आजादी से भी पहले से बने इस कांग्रेस कार्यलय से आजादी के संग्राम से जुड़ी कई यादें आज भी लोगों के जेहन में है। हालंकि कांग्रेस के कार्यलय खाली होने पर भाजपा ने चुटकी ली तो कांग्रेस अब हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है।
हरिद्वार हर की पौड़ी के निकट सुभाष घाट पर स्थित कांग्रेस कार्यलय अब केवल यादों में ही रहेगा। मंगलवार को कोर्ट के आदेश के बाद इसे खाली करा दिया गया। कांग्रेसी नेता इसे गलत कार्यवाही बता कर अब इसे वापस पाने के लिए हाईकोर्ट जाने का दावा कर रहे है।
कांग्रेस के जिला कार्यालय के खाली होने पर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि आज इतनी पुरानी पार्टी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है जहां वह अपने कार्यकर्ताओं को भी पार्टी से जोड़ नहीं रख पा रही है इसलिए कांग्रेस को अपनी नीतियों और रीतियों को लेकर आत्म मंथन करने की जरूरत है।
जानकारी देते हुए कांग्रेसी नेता मनोहर मुरली ने बताया कि कांग्रेस के पास यह कार्यालय आजादी के पूर्व से था स्वाधीनता पूर्व कांग्रेस के तत्कालीन नेताओं ने अंग्रेजों के खिलाफ आजादी की अनेक व्यूह रचनाएं यहां की थी आजादी के अनेक आंदोलन इसी कार्यालय के बाहर से शुरू हुए थे और इस कार्यालय से कांग्रेस के कई यादें जुड़ी हुई थी।
आपको बता दे की कांग्रेस के इस ऐतिहासिक कार्यलय को लेकर एक ट्रस्ट और कांग्रेसी के बीच बाद काफी समय से कोर्ट में चल रहा था। जिसमे कोर्ट ने हरिद्वार कांग्रेस को बीस हजार रुपए महीना जमा करने का आदेश भी दिया था लिकन कांग्रेस यह किराया समय से नही जमा कर पाई जिसमे बाद यह कार्यवाही की गई।
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