हल्द्वानी(अरुण शर्मा)। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत बुधवार को यशपाल आर्य से मिलने पहुँचे।
यशपाल आर्य से मिकते है हरीश रावत बोल उठे “साथी हाथ बढ़ाना” हरीश रावत के इस कथन का भी सियासी गलियारों में कई मायने निकाले जा रहे है।
मौजूद समय मे काँग्रेस का आत्मविश्वास देखकर हरीश रावत को भी विश्वास है कि वे सरकार बना रहे है।
हरीश रावत की यशपाल आर्य से मुलाकात ओर उस मुलाकात में “साथी हाथ बढ़ाना” कहना कई तरह के सियासी मायनो की ओर इशारा कर रहा है।
पहला अगर काँग्रेस पूर्ण बहुमत से आती है तो हरदा यशपाल से साथी हाथ बढ़ाने के नाम पर उनका सहयोग चाह रहे हो।
वही कुछ जानकार मानते है कि पार्टी के भीतर प्रीतम सिंह से मतभेद के चलते हरीश रावत को यशपाल आर्य का साथ लेना जरूरी है।
दलित सीएम चेहरे के नाम पर यशपाल आर्य की मजबूरी हरीश रावत के साथ खड़ा रह है।
प्रीतम सिंह भले ही बार बार सीएम चहरे के लिए पार्टी हाईकमान की रजामंदी की बात कहते हो लेकिन हरीश रावत मतदान के बाद से ही लगातार सीएम बनने को लेकर अपना माहौल तैयार करने में जुटे है।
कांग्रेस नेता यशपाल आर्य से मिलने उनके घर पहुंचे हरीश रावत ने कहा सरकार बनाने को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है कांग्रेस।
पोस्टल बैलट को लेकर हरीश रावत ने फिर उठाए सवाल और कहा लालकुआं विधानसभा में पुलिस कर्मियों के पास अब तक नहीं पहुंचे पोस्टल बैलट, पोस्टल बैलट नहीं पहुंचने से खड़े हो रहे हैं कई सवाल
हरीश रावत ने पूर्ण बहुमत न आने की स्थिति में भाजपा से लड़ने वाली पार्टियों का सरकार चलाने में भी हम चाहेंगे साथ
उन्होंने कहा कि राज्य के सभी लोकतांत्रिक दल भी आएंगे कांग्रेस के साथ।
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