प्रदेश में चल रहे भर्ती घोटालों के मामले के मध्य जहां सभी राजनैतिक दल एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप की राजनिति करने में लगे हुए है
और युवाओं का भविष्य जंहा अधर में लटका हुआ है, हरिद्वार के समाजसेवी शरत शर्मा, सत्येंद्र बिष्ट, शिवकुमार राजपूत और वेदांत उपाध्याय ने
उत्तराखंड प्रदेश के सभी 70 विधायकों से गुहार लगाते हुए कहा की सभी विधायकों को दलगत राजनिति से ऊपर उठकर
उत्तराखंड विधानसभा में प्रदेश के युवाओं के भविष्य के लिए उत्तराखंड रोजगार बिल लाया जाना चाहिए।
समाजसेवी शरत शर्मा ने बताया की 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में 4 लाख युवाओं को रोजगार देने की बात कही गई थी।
उन्होंने आगे बताया की कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने इन 4 लाख नई नौकरियों की तनख्वाह
के लिए होने वाले खर्च का ब्यौरा भी प्रदेश की जनता के सामने प्रेस के माध्यम से और अपने चुनाव प्रचार के दौरान बताया था।
अब प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस के 19 विधायक है।
उन्होंने आगे कहा की उत्तराखंड के युवाओं की आत्मनिर्भरता और स्वाभिमान भरे भविष्य के लिए उत्तराखंड विधानसभा में
उत्तराखंड रोजगार बिल लाया जाना और उसे लागु करना अति आवश्यक है।
यदि भाजपा सरकार उत्तराखंड रोजगार बिल से अपने आप को अलग करती है
तो कांग्रेस विधायक दल द्वारा यह रोजगार बिल विधानसभा में एक प्राइवेट बिल के रूप में लाया जाना चाहिए।
जिसके माध्यम से उत्तराखंड प्रदेश में 4 लाख युवाओं के लिए नई सरकारी नौकरियां सृजित की जा सके
और प्रदेश के युवाओं की बेरोजगारी और पलायन से मुक्ति दिलाई जा सके।
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