Madan kaushik photo missed in new postar in haridwar
हरिद्वार- राजनीति में कभी कोई किसी के लिए स्थाई नहीं होता है. या यूँ कहे कि मौके की नजाकत को देखते हुए नेता अपनी आस्था में बदलाव करते रहते है.
ऐसा ही कुछ आजकल हरिद्वार की राजनीति में देखने को मिल रहा है.
हरिद्वार की राजनीति में पिछले बीस साल से एक छत्र राज करने वाले नेता जी के खासमखास ही उनसे दुरी बनाते हुए नजर आ रहे है.
जिसके चलते नेता जी ने अपने राजनितिक गुरु कहेजाने वाले इस छत्रप को पोस्टरों से गायब कर दिया है.
कभी चुनाव की ऐतिहासिक जीत पर शहर भर को मेरा नेता के नारों वाले पोस्टरों से पाट देने वालो को
अब अपने पोस्टरों में उनसे ही परहेज करना पड़ रहा है.
इस परहेज की वजह कुछ भी हो लेकिन राजनीति में बदलती आस्था और विश्वास का यह ताजा उदाहरण बन गया है.
नये लक्ष्य को पुरानी आस्था से परहेज !
हाल ही की चुनावी जीत के बाद बदली हुई नजर को राजनीतिक जानकार नए लक्ष्य को वजह बता रह है.
दरअसल भाजपा में इस समय संगठन में नए पदाधिकारियों का चयन का दौर चल रहा है.
जानकार बताते है कि नेता जी का हाल का राजनितिक स्टेटस लक्ष्य की राह में
रोड़ा न बन जाय इसी वजह से भावनाओं में बदलाव ने यह दूरी बना दी है.
बहरहाल राजनितिक आस्था में बदलाव का कितना असर लक्ष्य साधने में कारगर होगा यह समय बताएगा, लेकिन भाव बदलने वाले मानते है कि समय केसाथ नारे बदल जाते है.
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