Film Review: Parthavi Raj की शौर्य गाथा दिखाती फिल्म
पवन शर्मा
सम्राट पृथ्वीराज की शौर्य गाथा को दर्शाती है अक्षय कुमार की यह फिल्म
फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ के ट्रेलर के रिलीज होने के साथ ही मार्केट में तमाम तरह की अफवाहों ने जोर पकड़ लिया था।
इसी वजह से फिल्म के निर्माताओं ने इसका एक और ट्रेलर भी जारी किया।
जिसके पीछे वजह थी कि फिल्म का एक्शन और अक्षय कुमार की अदाकारी बेहतर ढंग से जनता तक पहुंचे।
शायद इसी वजह से फिल्म की एडवांस बुकिंग को वैसा रिस्पॉन्स नहीं मिला जैसा मिलना चाहिए था।
पहले दिन अक्षय जैसे बड़े सितारे होने के बावजूद सुबह के शो में सिनेमा देखने कम दर्शक पहुंचे।
अब फिल्म की कमाई जनता के रिव्यू पर निर्भर है। हालांकि जनता और क्रिटिक्स से मूवी को मिला जुला रिस्पांस मिल रहा है।
पर एक बात तो तय है कि फिल्म की स्केल और विजुअल इफेक्ट कमाल के हैं। तो आइए पढ़ते है कैसी है फिल्म।
फिल्म की कहानी की बात करें तो पृथ्वीराज चौहान का संयोगिता संग अभूतपूर्व प्रेम फिर स्वयंवर, तत्पश्चात पिता जय चंद्र का अपनी पुत्री से नाराज होना, पृथ्वीराज चौहान का मोहम्मद गौरी को तराइन के पहले युद्ध में जबरदस्त पटखनी देते हुए बंदी बना लेना और फिर उसे माफ भी कर देना, फिर दूसरे युद्ध में गौरी ने कैसे धोखे से पृथ्वीराज को बंदी बनाया और उन्हें अंधा कर दिया और अंत शब्द भेदी बाण द्वारा गौरी का अंत होना। यह सब किस्से तो हमने पहले भी सुन रखे हैं। पर इस फिल्म में इसके अलावा भी बहुत कुछ है जानने के लिए जिसको देखने के लिए आपको सिनेमा का रुख करना होगा।
फिल्म इमोशनली बहुत मजबूत है। फिल्म पूरी तरह से पृथ्वीराज रासो की तरह ही बनाई गई है, जिसका की ज्यादातर भारतीयों को बोध है। पृथ्वीराज का हर फैसले में सबकी राय को तवज्जो देना, भरे दरबार में अपने से बड़ों की डांट सुन लेना, नारी की इज्जत के लिए सर कलम करवा लेना और अंत में वचन और धर्म के पालन के लिए जान तक दांव पर लगा देना, ऐसी तमाम बातें हैं जो आपको मूवी से इमोशनली जोड़ देगी।
फिल्म की जान हैं इसके शानदार स्पेशल इफेक्ट्स, मूवी का पहला सीन ही जबरदस्त है. युद्ध के सीन तो दर्शनीय बन पड़े हैं. संगीत जाने माने कंपोजर शंकर एहसान लॉय का है, जिन्होंने संगीत के साथ न्याय किया है। खास तौर पर हर हर गाना जो लोगों की जुबान पर है।
अदाकारी की बात करें तो अक्षय कुमार ने इस मूवी में ओवर एक्टिंग से दूरी तो बरती है पर कहीं न कहीं उनमें वो भाव या ये भी कह सकते हैं की वो इस रोल के लिए सही च्वाइस नही थे, फिर भी उन्होंने अपनी जान लगा दी है ताकि जनता को निराशा न हो। मानुषी छिल्लर, सोनू सूद, संजय दत्त सभी ने अपने किरदारों को बखूबी दर्शाया है। खासतौर पर संजय दत्त जिन्होंने अपने छोटे से रोल में ही लोगों के दिलों में जगह बना ली है बाकी किरदार जैसे साक्षी तंवर, आशुतोष राणा, मानव विज सभी ने फिल्म में मेहनत की है। मानुषी की पहली मूवी है लेकिन वो निराश कहीं से नहीं करतीं हैं।
डायरेक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी ने इस मूवी के साथ न्याय करने की पूरी कोशिश की है। अब जनता उनके साथ न्याय करती है या नहीं ये तो वक्त ही बताएगा।
जो भी इस अंतिम हिन्दू राजा पृथ्वीराज चौहान को करीब से जानना चाहता है, उन्हें एक भावभीनी श्रद्धांजलि देना चाहता है, वो ये मूवी जरूर देखेगा। और इसी तरह की पब्लिक पे ही इस फिल्म को हिट कराने का दारोमदार है।
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