देहरादून। सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर उत्तराखंड सरकार चिंतित दिखाई दे रही है.
शायद यही वजह है कि सीएम धामी सरकारी स्कूलों मे बच्चों कीसंख्या बढ़ने के साथ साथ क़्वालिटी एजुकेशन पर जोर देने की सलाह दी.
पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को झाझरा में विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय शैक्षिक चिंतन शिविर में प्रतिभाग किया।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ‘बाल वाटिका’ पुस्तक एवं शिक्षा विभाग की मार्गदर्शिका
के साथ ही पुस्तक ‘निपुण भारत’ एवं ‘सामान्य ज्ञान एक पहल’का विमोचन भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आशा व्यक्त की कि शिक्षा विभाग के इस चिंतन शिविर में जो चिंतन होगा,
उसके आने वाले समय में सुखद परिणाम आयेंगे।
उन्होंने सरकारी स्कूलों में घटती छात्र संख्या पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ाने की चुनौती एवं गुणात्मक शिक्षा के उपायों पर इस शिविर में गहनता से मंथन किये जाय।
उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में छात्र संख्या घटने के कारणों एवं इसको बढ़ाने के लिए गहनता से ध्यान देने की जरूरत है।
नौनिहालों के व्यक्तित्व निर्माण में शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश में शिक्षा के क्षेत्र में नई शिक्षा नीति एक क्रान्तिकारी परिवर्तन है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य विद्यालयी शिक्षा के सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हुए श्रेष्ठ मानव का निर्माण करना है।
यह शिक्षा नीति प्राचीन भारतीय सनातन ज्ञान और विचार की समृद्ध परंपरा के आलोक में तैयार की गयी है,
जो प्रत्येक व्यक्ति में निहित रचनात्मक क्षमताओं के विकास पर विशेष ज़ोर देती है।
इस नीति का लक्ष्य एक ऐसी शिक्षा प्रणाली को विकसित करना है,
जो भारतीय ज्ञान परंपरा और मूल्यों से परिपूर्ण हो।
उन्होंने कहा कि हर्ष का विषय है कि उत्तराखण्ड राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के
प्रावधानों को यथावत् लागू करने वाला देश का प्रथम राज्य बनने जा रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि 09 नवम्बर 2025 को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जंयती मनायेगा।
शिक्षा विभाग तब तक बेस्ट प्रैक्टिस के तहत क्या कर सकता है, इस पर आज से ही ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के कारण शैक्षिक हानि हुई है,
वहीं दूसरी ओर बच्चों के मानसिक व्यवहार पर भी बुरा प्रभाव पड़ा है।
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