Dehradun- पूर्व राज्यमंत्री आकिल अहमद ने राज्य सरकार ने नदी के किनारों में नदी खालो के किनारे रहने वाले हजारों परिवारों को सरकारी जमीन पर मने मकान हटानेके आदेश हाईकोर्ट ने दिए है
यह आदेश सरकार द्वारा कोर्ट को गुमराह कर कर कराए गए है इसमें गरीब लोगों को परेशान करने वाला आदेश है।
क्योंकि जिस समय घर बनाया गया था उस टाइम सरकार तहसीलदार प्रशासन कहां थे।
उन्होंने यह आरोप लगाया कि पहले पैसा लेकर मकान बनाने की छूट दी गई अब गरीब लोगों को परेशान करते हुए मकान तोड़ने के लिए लाल निशान लगाया गया है।
इसमें प्रधान प्रशासन तहसीलदार सब शामिल है। जो मकान लगभग 50 साल 30 साल पहले बनाया गया है
आज 50 साल बाद उसमें ऐसा क्या कानून आ गया कि वह मकान हटा ने पड़ रहे हैं एक तरफ तो देश का सुप्रीम कोर्ट यह आदेश देता है
कि 12 साल तक जिस का कब्जा अवैध रहेगा वह जमीन का मालिक माना जाएगा
और दूसरी तरफ हाई कोर्ट पुराने कब्जे वाले 50 साल के 40 साल रह रहे उन को हटाए जाने की बात कह रहे हैं
आकिल अहमद ने कहा कि सरकार अगर इन लोगो को हटाना चाहती तो इनके नुकसान की भर पाई करे नहीं तो यह लोग सड़कों पर आ जाएंगे
इनके परिवार कहा रहे गे क्या सरकार इनको सर छुपाने के लिए कोई व्यवस्था करेगी
वही आकिल अहमद ने कहा कि पहले इनको नदी के किनारे खा लो के किनारे बसाई जाएं
नहीं के नाम पर प्रधान से लेकर पटवारी तहसीलदार सबने इनसे पैसा खाने का काम किया
आज इनको जोड़ने की बात की जा रही है जो कि गलत है अकील अहमद ने कहा कि गोल्डन फॉरेस्ट की हजारों बीघा जमीन ऊपर अवैध कब्जे किए जा रही है
तहसील प्रशासन की ओर से पैसे लेकर दाखिल खारिज किए जा रहे हैं रजिस्टार रजिस्ट्री कर रहे हैं
इन जमीनों को भी खाली कराया जाए और ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों को सस्पेंड किया जाए


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