February 22, 2025

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Minakshi Negi become first lady head of forest in Karnataka

Karnataka में भी उत्तराखंड का जलवा, मीनाक्षी नेगी बनी वन प्रमुख

 

वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक शीशपाल गुसाईं की कलम से
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देहरादून। उत्तराखंड के टिहरी जनपद के रोलियाल गांव (चंबा) की मूल निवासी मीनाक्षी नेगी की नियुक्ति कर्नाटक राज्य के वन विभाग की प्रमुख (हेड ऑफ़ फॉरेस्ट) के रूप में हुई है।

यह न केवल उनके लिए, बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है, क्योंकि वह इस पद पर आसीन होने वाली कर्नाटक की पहली महिला हैं।

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Minakshi Negi का यह उत्कृष्ट कार्य सम्पूर्ण प्रदेश के लिए प्रेरणा का स्रोत है और यह दर्शाता है कि महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकती हैं।

Karnataka cadar में उल्लेखनीय सेवा
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1989 में IFS में चयन के बाद से ही मीनाक्षी नेगी को कर्नाटक राज्य कॉडर मिला।

उन्होंने बल्लारी, चिक्कमगलुरु और मंड्या जैसे जिलों में उप वन संरक्षक (Deputy Conservator of Forests – DCF) के रूप में कार्य किया।

इन क्षेत्रों में उनके नेतृत्व में वन संरक्षण, वन्यजीव प्रबंधन और स्थानीय समुदायों के साथ सहयोगात्मक परियोजनाएँ चलाई गईं।

खासकर, चिक्कमगलुरु के कॉफी बागानों और पश्चिमी घाटों के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण में उनके योगदान को विशेष रूप से सराहा गया।

केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति: एक नया दायरा
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कर्नाटक में अपनी सेवाओं के दौरान ही मीनाक्षी नेगी की क्षमता को देखते हुए उन्हें केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्त किया गया।

यहाँ उन्होंने आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर कार्य किया। इस दौरान उन्होंने योग, आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा से जुड़ी नीतियों के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आयुष क्षेत्र में उनका कार्य स्वास्थ्य और पर्यावरण के बीच सामंजस्य बनाने की दिशा में एक पहल के रूप में देखा गया।

राष्ट्रीय महिला आयोग: महिलाओं की आवाज़ बनकर
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पिछले दो वर्षों (2022-2024) तक मीनाक्षी नेगी राष्ट्रीय महिला आयोग के सदस्य सचिव के रूप में सेवा प्रदान की।

इस भूमिका में उन्होंने महिलाओं के खिलाफ हिंसा, शिक्षा और रोजगार में असमानता, तथा कार्यस्थल पर उत्पीड़न जैसे मुद्दों पर राष्ट्रीय स्तर पर पहल की।

उनके नेतृत्व में आयोग ने महिला सुरक्षा से जुड़े कानूनों के प्रभावी क्रियान्वयन, पीड़ितों को त्वरित न्याय दिलाने और जागरूकता अभियानों को गति देने पर विशेष ध्यान दिया।

मसूरी: जन्म से शिक्षा तक का सफर*
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मीनाक्षी के पिता, अतर सिंह नेगी, लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी मसूरी में सर्विस करते थे।

यहीं से प्रेरणा लेकर उन्होंने तैयारियाँ कीं। मीनाक्षी को बचपन से ही सिविल सेवाओं का अनूठा माहौल मिला।

उनकी शिक्षा मसूरी के प्रतिष्ठित सी.जे.एम. वेवरली स्कूल में हुई, जहाँ उन्होंने शैक्षणिक के साथ-साथ सामाजिक दायित्वों का पाठ भी सीखा।

उनके छोटे भाई, डॉक्टर राकेश सिंह नेगी, पशुपालन विभाग उत्तराखण्ड में अपर निदेशक हैं। उनके पति, विजय शर्मा, भी कर्नाटक कैडर के IFS अधिकारी रहे और 2023 में सेवानिवृत्त हुए।

दोनों ने अपने करियर में पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक उत्तरदायित्व को प्राथमिकता दी। मीनाक्षी अपने पैतृक गाँव रोलियाल (चम्बा, टिहरी) और मसूरी से गहरा लगाव रखती हैं।

वहाँ वह सालाना जाकर स्थानीय युवाओं को सिविल सेवाओं के लिए प्रेरित करती हैं और महिला शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों में भाग लेती हैं।

टिहरी गढ़वाल जिले की वह संभवतः देश के राज्य में दूसरी वन प्रमुख हैं। पहले धारकोट गांव (प्रतापनगर) के मनमोहन सिंह नेगी आईएफएस 1982 बैच अरुणाचल प्रदेश में हेड ऑफ फॉरेस्ट रहे हैं।

मीनाक्षी नेगी का कर्नाटक वन विभाग में पहली महिला हेड ऑफ़ फारेस्ट बनने का सफर न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष और सफलता की कहानी है, बल्कि यह सभी महिलाओं के लिए आगे बढ़ने का एक संकेत भी है। ऐसा प्रतीत होता है कि हम एक नए युग में प्रवेश कर रहे हैं, जहाँ महिलाएं किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल कर रही हैं और अपनी पहचान बनाते हुए समाज में सशक्त रूप से उभर रही हैं।

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