FDA UTTRAKHAND issued SOP for hotel restorent and Dhaba
Dehradun। उत्तराखंड पुलिस के बाद अब FDA ने भी थूक जेहाद को लेकर अपनी SOP जारी कर दी है।
जिसमे दोषियों पर 25 हजार से लेकर एक लाख तक का जुर्माना लगाए जाने का प्रवाधान किया गया है।
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इसके अलावा होटल और रेस्टोरेंट कर्मियों को फोटो पहचानपत्र लगाना अनिवार्य होगा साथ ही वहां CCTV कैमरे भी लगाए जाने जरूरी होंगे।
इस SOP में मीट कारोबारियों, ढाबे, होटल एवं रेस्टोरैन्ट संचालकों को अपने यहां मीट हलाल का है या फिट झटका लिखना भी कंपल्सरी किया गया है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन आयुक्त डॉ.आर राजेश ने बताया कि सीएम धामी के निर्देश के बाद विभाग ने SOP जारी की है जिसमे कई सख्त प्रावधान किए गए है।
उन्होंने बताया कि भोजन बनाने और परोसने वाले कार्मचारी अनिवार्य रूप से फेस मास्क/ ग्लब्स/हेड गियर पहनना जरूरी होगा।
बता दे कि उत्तराखंड में खाद्य पदार्थाें में थूक व गंदगी मिलाने की घटनाओं पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कड़ा रूख अपनाया है।
आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा सभी खाद्य कारोबारियों को लाइसेंस लेना व उसकी शर्तों का पालन करना अनिवार्य है।
खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा जारी की गई एसओपी
(1) एसओपी के बारे में जारकारी देते हुए आयुक्त डॉ आर राजेश कुमार ने कहा राज्य में स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य कारोबारकर्ताओं द्वारा भोजन बनाने एवं परोसने वाले कार्मिकों को अनिवार्य रूप से फेस मास्क/ ग्लब्स/हेड गियर का उपयोग करना होगा।
(2) खाद्य प्रतिष्ठानों में खाद्य पदार्थों को हेन्डल करते समय धूम्रपान, थूकना आदि व डेयरी (दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थ) उत्पादों को प्रयोग में लाये जाने से पूर्व व छूने से पूर्व नाक खुजाना बालों में हाथ फेरना, शरीर के अंगों को खुजाना आदि हैण्ड हैबिट पर नियंत्रण रखें। इन आदतों से खाद्य पदार्थों में बैक्टीरियल संक्रमण के दृष्टिगत यह नियमों के विरूद्ध है।
(3)-संक्रामक रोग से ग्रसित व्यक्तियों को खाद्य निर्माण/संग्रहण / वितरण स्थलों पर कदापि नियोजित न करें। खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य कारोबारकर्ताओं का अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण) विनियम, 2011 के अंतर्गत खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिको की सूची चिकित्सकीयप्रमाण-पत्र सहित उपलब्ध कराने का प्राविधान है। अतः सभी अनुज्ञप्तिधारकों / पंजीकरणधारकों द्वारा तदनुसार विनियम के अनुपालन में अपने समस्त खाद्य कार्मिकों की सूची उनके चिकित्सकीय प्रमाण-पत्रों के साथ कार्यस्थल/प्रतिष्ठान में सदैव रक्षित करना अनिवार्य होगा।
(4)-विगत दिनों हुई उपरोक्त घटनाओं के दृष्टिगत यह निर्देशित किया जाता है कि सभी खाद्य कारोबारकर्ताओं द्वारा खाद्य प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों को अनिवार्यरूप से फोटोयुक्त पहचान पत्र निर्गत किया जायेगा, जिसे कार्यस्थल पर प्रतिष्ठान के कार्मिकों द्वारा अनिवार्य रूप से प्रदर्शित करना सुनिश्चित किया जायेगा।
(5)-स्वच्छता और सफाई की अनिवार्यता के दृष्टिगत खाद्य पदार्थ निर्माण करने वाले कार्मिकों/परोसने वाले कार्मिकों/खाद्य पदार्थ विक्रय करने वाले कार्मिकों कोकार्यस्थल पर थूकने एवं अन्य किसी भी प्रकार की गन्दगी फैलाने को प्रतिबन्धित किया जाता है। उक्त विनियम में वर्णित प्रावधानों का उल्लंघन किये जाने पर खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के अधीन रू0 25,000 से रू0 1,00,000 तक अर्थदण्ड से दण्डित किया जायेगा।
(6)- उपरोक्त विनियम में वर्णित अनुज्ञप्ति की शर्तों के अनुसार खाद्य कारोबारकर्ताओं द्वारा खाद्य परिसर में उत्पादित अथवा तैयार की गयी किसी खाद्य सामग्री को मल, मूत्र, थूक अथवा किसी अन्य दूषित पदार्थ से प्रभावित युक्त नहीं किया जायेगा। खाद्य सुरक्षा और मानक (खाद्य कारोबार के लिये अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण) विनियम 2011 का विनियम-2.1.2 (5) अनुसूची, 3
(1) प्रत्येक खाद्य कारोबारकर्ता प्रारूप-ग में जारी अनुज्ञप्ति की एक साफ, प्रमुख स्थान पर पठनीय प्रति चस्पा करेगा।
(2) प्रत्येक अनुज्ञप्ति धारी यह सुनिष्चित करेगा कि विनिर्दिष्ट उत्पादन से भिन्न अन्य किसी उत्पाद का उत्पादन नही किया जायेगा।
(3) प्रत्येक खाद्य कारोबारकर्ता उत्पादन, कच्ची सामग्री का उपयोग और विक्रय का अलग-अलग दैनिक रिकार्ड रखेगा।
अन्य दिशा-निर्देश-
(1)- अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण प्राप्त किये बिना कारोबार कर रहे खाद्य कारोबारकर्ताओं के विरूद्ध कार्यवाही कर उन्हें तत्काल अनुज्ञप्ति एवं पंजीकरण से आच्छादित किया जाए। (एफ०एस०एस०एक्ट, 2006 की धारा-58 एवं 63)
(2)- समस्त खाद्य प्रतिष्ठानों यथा ढाबों / होटलों / रेस्टोरेंट्स आदि में सी०सी०टी०वी० कैमरों की व्यवस्था की जाए।
(3) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पत्र दिनांक 26.12.2022 के अनुपालन में प्रत्येक मीट विक्रेता, मीट कारोबारकर्ता, होटल एवं रेस्टोरैन्ट विक्रय/प्रस्तुत किये जा रहे मीट एवं मीट उत्पाद के प्रकार यथा हलाल अथवा झटका, का अनिवार्य रूप से प्रकटीकरण करेगें। उपरोक्त निर्देशों का अनुपालन खाद्य कारोबारकर्ता का स्वयं का तथा अपने प्रतिष्ठान के कार्मिकों द्वारा कराये जाने का दायित्व खाद्य कारोबारकर्ता का होगा। उपर्युक्त निर्देशों का प्रदेश के समस्त खाद्य कारोबारकर्ताओं द्वारा कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया एवं कराया जायेगा। अनुपालन न किये जाने की स्थिति में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 एवं तत्सम्बन्धी विनियमों के सुसंगत प्राविधानों के अंतर्गत विधिक कार्यवाही की जायेगी।
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