मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार द्वारा चमोली के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की ट्रैकिंग के दौरान भी प्रवासी मतदाताओं को रिमोट वोटिंग की आवश्यकता समझी गयी थी
आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की
प्रवासी मतदाताओं को देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा
लाखों प्रवासी उत्तराखण्डी भी रहते हैं राज्य से बाहर
भारत निर्वाचन आयोग ने अपने गृह नगर से देश में अन्यत्र बसे नागरिकों को रिमोट वोटिंग की सुविधा देने पर काम शुरू किया है।
इसके लिए आयोग ने प्रोटोटाइप रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (आरवीएम) विकसित की है।
इससे प्रवासी मतदाताओं को देश में कहीं से भी अपने गृह/मूल निर्वाचन क्षेत्र के लिए मतदान करना संभव होगा।
आयोग ने बहु-निर्वाचन क्षेत्र प्रोटोटाइप रिमोट ईवीएम की कार्यप्रणाली का प्रदर्शन करने के लिए सभी मान्यताप्राप्त 08 राष्ट्रीय और 57 राज्यीय दलों को दिनांक 16.01.2023 को आमंत्रित किया है।
इस अवसर पर आयोग की तकनीकी विशेषज्ञ समिति के सदस्य भी उपस्थित रहेंगे।
आयोग ने अपेक्षित विधिक परिवर्तनों, प्रशासनिक प्रक्रियाओं मैं परिवर्तनों और घरेलू प्रवासी मतदाताओं के लिए मतदान की
विभिन्न हितधारकों से प्राप्त फीडबैक और प्रोटोटाइप के प्रदर्शन के आधार पर आयोग रिमोट मतदान पद्धति को क्रियान्वित करने की प्रक्रिया को उपयुक्त तरीके से आगे ले जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त के रूप में कार्यभार संभालने के तुरंत बाद,
राजीव कुमार उत्तराखण्ड के चमोली जिले के दुमक गांव के दूरस्थ मतदान केंद्र की अपनी पैदल यात्रा (ट्रैकिंग ) से प्रवासी नागरिकों की समस्या से सीधे रूबरू हुए थे।
उन्होंने इस बात की आवश्यकता बताई थी कि प्रवासी मतदाताओं को निवास के उनके वर्तमान स्थान से ही मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाया जाना चाहिए।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा रिमोट वोटिंग पर व्यापक मंथन प्रारम्भ किया गया है।


More Stories
Haridwar Kumbh 2027 आश्रम परिषद के गठन पर मंडराए संकट के बादल
Kumbh 2027 आश्रम परिषद के गठन को बड़ा झटका, दो बड़े संतों पर कार्यवाही
Cm Dhami उत्तराखंड में 405 रुपए होगा गन्ने का समर्थन मूल्य