November 24, 2024

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योग भारत की धरती से विश्व कल्याण हेतु निकला अमृत

हरिद्वार । एस एम जे एन पी जी कॉलेज हरिद्वार में आयोजित योग शिविर में शुभाशीष प्रदान करते हुए

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी महाराज ने कहा की योग भारत की धरती से विश्व कल्याण हेतु निकला अमृत है।

उन्होंने योग की उत्पत्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा की योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘युज’ शब्द से हुई है जिसका आशय जोड़ना है,

अर्थात जो विज्ञान मानव चेतना को परम सत्ता से जोड़े वही विज्ञान योग है।

अतः योग में भौतिक ,मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य का एकाकार ही लक्ष्य है।

उन्होंने महाविद्यालय के द्वारा आयोजित योग शिविर को इसी दिशा में उठाया गया एक सार्थक प्रयास बताया।

काॅलेज के आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ एवं अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर

आयोजित पन्द्रह दिवसीय योग शिविर के दिव्तीय दिवस में योगाचार्य ईश्वर योगी ने छात्र गौरव बंसल एवं छात्रा हिंमाशी दीक्षित के साथ प्रतिभागियों को योगाभ्यास कराया
महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि आज योग को पूरे विश्व में असाध्य रोगों से निपटने के लिये अपनाया जा रहा है,

हम जैसे-जैसे अपनी संस्कृति से दुनिया को अवगत करायेंगे, महाशक्ति के रूप में उभरते जायेंगे

उन्होंने कहा कि आज का योग सैशन करा रहे योगाचार्य ईश्वर अस्सी वर्ष के है

लेकिन जिस तरह से उन्होंने योगिक क्रियाएँ करायी उससे उनकी उम्र का पता नहीं लगता है.

उन्होंने शिविर में प्रतिभागियों को उत्साहित करते हुए कहा की योग से हम युवा पीढ़ी में सृजनात्मक बदलाव लाने में सफल होंगे।

उन्होंने युवा पीढ़ी को योग शिविर में प्रतिभाग कर लाभ उठाने की अपील की

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