नई दिल्ली। NSQ यानी गैर मानक गुणवत्ता वाली दवाओं की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है।
इससे भी अधिक चौंकाने वाला विषय यह है कि अभी भी ज्यादातर राज्य ऐसे है जो केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण के साथ अपना डेटा जमा नहीं कर रहे है।
इसमें उत्तराखंड के साथ साथ देश के कुल 17 राज्य और तीन केंद्र शासित राज्य शामिल है।
हाल ही में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) के जारी आंकड़ों इस बात का खुलासा हुआ है।
CDSCO को दिसंबर में कुल 13 राज्यों और चार केंद्र शासित प्रदेशों ने अपनी NSQ रिपोर्ट जमा नहीं की थी।
दरअसल जो दवाएं गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहती हैं उन्हें NSQ दवाएं कहा जाता है।
आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, मध्य प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड तथा अंडमान एवं निकोबार, दादर और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्षद्वीप राज्यों ने “जनवरी, 2025 के महीने के लिए मानक गुणवत्ता के नहीं (NSQ) अलर्ट के संबंध में कोई डेटा जमा नहीं किया है।
सीडीएससीओ की इस महीने के लिए एनएसक्यू दवाओं की विस्तृत सूची देने के लिए लगातार कहा जा रहा है।
उत्तराखंड ड्रग्स कंट्रोलर ताजभर जग्गी ने बताया कि उनके विभाग के द्वारा लगातार लिए गए सैंपलों की जांच रिपोर्ट CDSCO को भेजी जा रही है। उन्होंने बताया कि अगर इसके बाद भी अगर उत्तराखंड का नाम NSQ न भेजने वाले राज्यों में हैंटो इसकी जांच करा ली जाएगी कि इस तरह की परिस्थिति क्यों हो रही है।
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