हरिद्वार(विकास चौहान)। अब जल्द ही राज्य में बिगड़ैल हाथी को प्रशिक्षित करने के लिए, दक्षिण भारत में अपनायी जाने वाली तकनीक का प्रयोग किया जाएगा। राजाजी टाइगर रिजर्व में इस के तहत क्रॉल ( विशेष बाड़ा ) तैयार किया जा रहा है जिसमे बीएचईएल क्षेत्र में तीन लोगो को मौत के घाट उतारने वाले जंगली हाथी को रखा जायेगा। पार्क की मीठावली रेंज में तैयार हो रहा यह बाड़ा, उत्तर भारत का पहला ऐसा क्रॉल होगा जिसमे यंहा के बिगड़ैल गजराजों पर नकेल कसी जा सकेगी। राजाजी टाइगर रिजर्व की इस महत्वकांची योजना को जल्द ही मूर्त रूप दे दिया जाएगा ! अधिकारी व् प्रशिक्षित वन कर्मियों के द्वारा इस बाड़े को तैयार किया जा रहा है ।
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आपको बता दे कि हरिद्वार बीएचईएल एरिया में दो साल से आतंक का प्रयाय बने जंगली हाथी को यहाँ रखा जायेगा। ये हाथी अब तक इन लोगो को मौत के घाट उतार चूका है। जब इसने दो लोगो को अपना शिकार किया था 2017 में इसे बीएचईएल से रेस्क्यू कर दूसरे जंगल में छोड़ दिया था मगर उसके छ महीने बाद ये हाथी फिर से उसी स्थान पर आ धमका और इसने एक ओर व्यकित पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। बीते नवम्बर इसे एक बार फिर से रेस्क्यू कर मोतीचूर रेंज ले जाकर ऑब्जरवेशन में रखा है और पार्क की मीठावली रेंज में तैयार हो रहे लकड़ी के क्रॉल में रखकर इसकी गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी। पार्क के डायरेक्टर सनातन सोनकर ने का कहना है कि इस हाथी को बेड़ियों से मुक्ति दिलाने के लिए ही ये तकनीक अमल में लायी जा रही है जिसमे आसाम से आये महावत इसे ट्रैंड करेंगे। उनका ये भी कहना है कि जल्द ही इसे तैयार कर राज्य के पहले क्रॉल का सुभारम्भ हो जाएगा अधिकारियों के अनुसार यह तकनीक दक्षिण भारत व् विदेशों में खासी लोकप्रिय है !
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