देहरादून(पकंज सिंह)। गुजरात के बाद उत्तराखण्ड देश में दूसरा राज्य बन गया है, जहां आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग को आरक्षण लागू किया गया है। प्रदेश के बेरोजगार शिक्षित युवाओं के लिये यह अच्छी खबर है, जिसके अन्तर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग भी आरक्षण का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। अपर मुख्य सचिव,कार्मिक एवं सतर्कता, राधा रतूड़ी ने बताया कि भारत सरकार द्वारा संविधान संशोधन के उपरान्त आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड सरकार द्वारा भी 5 फरवरी, 2019 को ‘‘उत्तराखण्ड लोक सेवा (आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिये आरक्षण) अध्यादेश 2019’’ लागू कर दिया गया है।
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राधा रतूड़ी ने बताया कि यह अध्यादेश समस्त विभागों, उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग तथा अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को प्रेषित किया गया है। जिससे अधिक से अधिक बेरोजगार नौजवानों को शीघ्र रोजगार प्राप्त हो सके। इसके तहत लोक सेवाओं और पदों में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गो के पक्ष में उत्तराखण्ड राज्य के उन स्थायी निवासियों को आरक्षण प्राप्त होगा। उन्होने बताया कि जो अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और सामाजिक तथा शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गो के लिए आरक्षण की मौजूदा योजना के अन्तर्गत सम्मिलित नहीं है।
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